पंजाब-हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बाढ़ के मुआवजे, प्याज पर बढ़े टैक्स और गन्ने के बकाया भुगतान की मांग को लेकर हजारों किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को विरोध के दौरान संगरूर में एक किसान की ट्रैक्टर से कुचलने के बाद मौत हो गई, जिससे प्रदर्शन और हिंसक हो गया।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्याज के बढ़े हुए टैक्स को लेकर किसान सड़क पर उतर आए। एशिया का सबसे बड़ा प्याज मार्केट महाराष्ट्र का लसलगांव पिछले दो दिन से बंद है। मध्य प्रदेश के रतलाम में विभिन्न किसान संगठनों ने मंडियों में नीलामी बंद करवा कर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। दरअसल केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है।
महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर और मुंबई में किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार अगर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा देगी तो निर्यात कम होगा। इससे घरेलू मार्केट में प्याज की कीमतें गिरेंगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- कुछ लोग प्याज पर लगाए गए निर्यात शुल्क को लेकर गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं। सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच 19 अगस्त को प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगाया था। यह 31 दिसंबर 2023 तक जारी रहेगा।
केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के लिए 2410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद फिर शुरू कर दी है। केंद्र ने किसानों से दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है।
प्रदर्शन की वजह – प्याज पर 40% निर्यात शुल्क
कितने किसान संगठन शामिल – भारतीय किसान संघ
कहां- कहां प्रदर्शन- इंदौर, रतलाम
हिंसक झड़प की घटना – कोई मौत नहीं
किसानों की प्रमुख मांगें…
केंद्र सरकार के फैसले को लेकर भारतीय किसान संघ ने इंदौर कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया। किसानों ने 15 दिन में फैसला वापस लेने की चुनौती दी है। कहा है कि अगर 15 दिन में हमारी मांग नहीं मानी तो देश के सभी सांसदों के घेराव के साथ मंडी भी बंद करेंगे।