बिहार में रोहतास जिले में सोन नदी पर बने पुल के दो पिलर के बीच फंसे 11 साल के बच्चे की रेस्क्यू के बाद मौत हो गई है। 25 घंटे के ऑपरेशन के बाद उसे बाहर निकाला गया। बच्चे को गंभीर हालत में सासाराम सदर अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 3 अफसर और 35 जवानों ने 25 घंटे तक रेस्क्यू चलाया। बच्चे का नाम रंजन कुमार था। उसे बुधवार सुबह 11 बजे पिलर के गैप में देखा गया था। शाम 4 बजे से उसका रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था।
गुरुवार सुबह उसे बांस की मदद से खाना दिया गया। पाइप से ऑक्सीजन दी गई। पहले पिलर में तीन फीट चौड़ा होल किया गया, लेकिन रेस्क्यू में फिर दिक्कत आ गई। फिर स्लैब को तोड़कर शाम करीब पांच बजे निकाला गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही थी दिक्कतें
राहत और बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ के अधिकारी जय प्रकाश ने बताया कि जिस कंडीशन में बच्चा फंसा था, वो बहुत ही क्रिटिकल सिचुएशन थी। रेस्क्यू में सबसे बड़ी दिक्कत ये आ रही थी कि स्पेशल इक्युपमेंट का इस्तेमाल करने लायक कोई प्लेटफॉर्म नहीं बन पा रहा था। SDM उपेंद्र पाल ने भी बता दिया था कि बच्चे की स्थिति सामान्य नहीं है।
बच्चे को तीन तरीके से निकालने की कोशिश की गई
1. बुधवार रात पुल को तोड़कर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की गई।
2. पुल के पिलर में तीन फीट चौड़ा होल करके निकालने की कोशिश की गई।
3. पुल का स्लैब तोड़कर बच्चे को निकाला गया।
परिजनों ने भी निकालने की कोशिश की थी
जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह 11 बजे दो पिलर के बीच बच्चे को फंसा देख लोग वहां जमा हो गए। बच्चे के परिजन ने उसे निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। फिर स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।