बेमाैसम बारिश से इस साल देश में गेहूं उत्पादन में 10 से 20 लाख टन तक की कमी आ सकती है। फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के एक अधिकारी ने शुक्रवार काे यह जानकारी दी है। इसी तरह का अनुमान आटा मिल मालिकों द्वारा कराए गए एक निजी अध्ययन में भी लगाया गया था। हालांकि, सरकारी अधिकारी के अनुसार, कुल उत्पादन पहले के अनुमान के अनुसार अभी भी 11 कराेड़ 20 लाख टन तक रहेगा। सरकार ने फरवरी में जारी अनुमान में कहा था कि इस बार 11 कराेड़, 20 लाख टन से अधिक गेहूं उत्पादन हाेगा।
गेहूं का उत्पादन 10 से 13 लाख टन कम होगा: एग्रीवॉच
इंडियन एग्रीबिजनेस सिस्टम्स लिमिटेड और रोलर आटा मिलर्स के लिए एग्रीवॉच द्वारा की गई स्टडी में कहा गया है कि बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं का उत्पादन 10 कराेड़, 30 लाख टन रहेगा। बेमाैसम बारिश से पहले यह उत्पादन लगभग 10 कराेड़, 40 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था। इसका अर्थ है कि इस साल बेमौसम बारिश से 10 से 13 लाख टन गेहूं का उत्पादन कम हो सकता है।
पिछले साल की तुलना में ज्यादा उत्पादन का भी दावा
केंद्र सरकार के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बेमाैसम बारिश से गेहूं के उत्पादन में काेई खास कमी नहीं आएगी। खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबाेध सिंह कहते हैं, “आप जो भी आंकड़ा लें, हमें पूरा विश्वास है कि इस साल गेहूं का उत्पादन बेमौसम बारिश के बाद भी पिछले साल की तुलना में लगभग 50 से 55 लाख टन अधिक रहेगा।’
उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार और उद्योग द्वारा अनुमानित गेहूं उत्पादन में अंतर था। हालांकि, इस साल फसल अनुमानों में कुछ समानताएं हैं। पहला यह है कि गेहूं के रकबे में 3-5% की वृद्धि हुई है, दूसरा- बेमाैसम बारिश और ओलावृष्टि से लगभग 10 से 20 लाख टन उत्पादन का नुकसान होगा और तीसरा यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल 50-55 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन होगा। 2022-23 में सरकार ने 10 कराेड़, 77 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया था।