भारत सरकार ने BBC की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफ्रिंग में कहा कि हम नहीं जानते कि डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार है।
बागची ने कहा- यह डॉक्यूमेंट्री भारत के खिलाफ एक खास किस्म के दुष्प्रचार का नैरेटिव चलाने की कोशिश है। डॉक्यूमेंट्री में दिखता है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन एक खास किस्म की सोच रखते हैं, क्योंकि इसमें फैक्ट ही नहीं है। यह औपनिवेशिक यानी गुलामी की मानसिकता को दर्शाती है। हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्या है?
ब्रिटिश PM ने भी किया विरोध उधर, BBC की डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश संसद में भी यह मामला चर्चा में रहा। पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटिश संसद में कहा कि गुजरात में हुए दंगों के लिए सीधेतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार थे। अभी भी दंगें के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है। उन्होंने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक से सवाल किया- दंगे में मोदी की भूमिका पर उनका क्या कहना है?
इस पर सुनक ने कहा- BBC की डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाया गया है, मैं उससे कतई सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा- यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट है। हम दुनिया में हो रही किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं करते हैं, लेकिन डाॅक्यूमेंट्री में PM मोदी की जो छवि पेश की गई है, मैं उससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं
17 जनवरी को पहला एपिसोड रिलीज हुआ, अगले दिन सरकार ने हटाया
BBC ने 17 जनवरी को द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। बता दें कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।
UK के सांसद ने भी कहा- डॉक्यूमेंट्री निष्पक्ष नहीं है
UK के सांसद लॉर्ड रामी रेंजर ने BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर 18 जनवरी को ट्वीट किया। उन्होंने BBC से कहा कि आपने भारत के 100 करोड़ से अधिक लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय ज्यूडिशियरी की भावनाओं को ठेस पहुंची है। हम गुजरात में हुए दंगों की निंदा करते हैं, लेकिन आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी आलोचना करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुका है
गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था। कमेटी ने दंगे में नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पाया था। SIT ने कहा था कि मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT की तरफ से पीएम को मिली क्लीन चिट को सही माना था
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस बंद करने का आदेश दिया। इन सभी मामलों से जुड़ी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित थीं। CJI जस्टिस यूयू ललित की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को कहा कि इतना समय गुजरने के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है। वहीं, एक अन्य मामले में कोर्ट ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को राहत के लिए अपील करने की इजाजत दे दी