शशि थरूर ने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर संदेह रहेगा, तब तक यह चुनाव आयोग की साख को नुकसान पहुंचाता रहेगा. जैसे ही इन संदेहों को दूर कर दिया जाएगा, आयोग की साख और उसकी विश्वसनीयता वापस आ जाएगी. चुनाव आयोग का अपना हित इन्हीं सवालों का समाधान करने में है.