यूनाइडेट नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत ने 26/11 हमले में वांटेड लश्कर के आतंकी साजिद मीर का ऑडियो जारी किया है। इसमें वह मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों को निर्देश दे रहा है। अमेरिका ने कल यानी 20 जून को काउंसिल की बैठक में साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। भारत इसका सह प्रस्तावक था।
चीन ने UN काउंसिल की 1267 कमेटी (अल-कायदा और तालिबान पर प्रतिबंध के लिए बनी समिति) की मीटिंग में लाए गए अमेरिका और भारत के इस प्रस्ताव को रोक दिया था। बुधवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने इस पर भारत का पक्ष रखते हुए UN असेंबली में आतंकी का ऑडियो सुनाया।
8 महीने पहले जयशंकर की मौजूदगी में भी प्ले किया था ऑडियो
28 अक्टूबर 2022 को UNSC की बैठक मुंबई के ताज होटल में ही हुई थी। तब विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की मौजूदगी में साजिद मीर का एक और ऑडियो क्लिप प्ले किया गया था। इसमें वो फोन पर आतंकियों से कह रहा था- जहां भी मूवमेंट दिखे, जहां भी लोग हों वहां फायर ठोको।
पाकिस्तान ने मीर की मौत का ड्रामा किया था, फिर 15 साल की सजा सुनाई
पाकिस्तान ने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए साजिद मीर को मृत घोषित कर दिया था। उसका DNA टेस्ट भी कर दिया गया, लेकिन बाद में पता चला कि वो जिंदा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने उसे अरेस्ट किया। जून में उसे आतंकवादियों को पैसा देने के आरोप में पाकिस्तान के कोर्ट ने 15 साल जेल की सजा सुनाई थी।
मीर ने आतंकियों को मुंबई हमले के लिए तैयार किया था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साजिद मीर जिस डेविड कोलमैन हेडली का हैंडलर था, उसने ही आतंकी सदस्यों को मुंबई हमले के लिए तैयार किया था। हेडली अभी अमेरिका की एक जेल में बंद है।
26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई की चार जगहों- दो 5 स्टार होटलों, रेलवे स्टेशनों और यहूदियों के एक धार्मिक स्थल (चबाड़ हाउस) नरीमन हाउस पर हमले किए थे। इस हमले को भारत 4 दिन में कंट्रोल कर पाया। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसमें 26 विदेशी थे।
मुंबई पुलिस ने अजमल कसाब नाम के आतंकी को अरेस्ट किया था। बाकी 9 आतंकियों को मार गिराया था। कसाब को 11 नवंबर 2012 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी।
अमेरिका ने आतंकी साजिद पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा
अमेरिका ने साजिद पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया है। अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के मुताबिक, आतंकी साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा के लिए 2001 से एक्टिव था। उसने लश्कर के साथ मिलकर कई आतंकी हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया।
21 अप्रैल 2011 को मीर पर यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने चार्ज लगाए थे। उस पर विदेशी सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने, आतंकवादियों को मदद देने, अमेरिका के बाहर एक नागरिक की हत्या करने और सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी का आरोप लगाया गया था। मीर के खिलाफ अमेरिका ने 22 अप्रैल 2011 को अरेस्ट वारंट जारी किया था।