अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने केंद्रीय मंत्री नहीं बनना चाहते। वे कहते हैं कि वे सिर्फ केरल के लोगों के कल्याण के लिए उनके द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को क्रियान्वित करेंगे। बता दें कि सुरेश गोपी ने केरल में त्रिशूर सीट जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
लोकसभा चुनाव में केरल में इस बार भाजपा का खाता खुल गया है। कड़ी मेहनत के बाद भी भाजपा केरल में सिर्फ एक ही सीट जीत पाई हैं। त्रिशूर में भाजपा नेता की जीत सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए एक बड़ा झटका थी। एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने अंतिम क्षण तक विभिन्न एग्जिट पोल को खारिज कर दिया था, जिसमें गोपी की जीत और राज्य में कमल खिलने की संभावना जताई गई थी। केरल के त्रिशूर से अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने यह सीट जीतकर भाजपा को नई जीत दिलाई है।
अब सुरेश गोपी का कहना है कि वे केंद्रीय मंत्री नहीं बनना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि लोगों के कल्याण के लिए मंत्रालय की प्रस्तावित योजनाओं का क्रियान्वयन। उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें सिर्फ मंत्रालय तक सीमित न रखा जाए। क्योंकि वह एक सांसद के रूप में लोगों के लिए मंत्री की तुलना में अधिक काम कर सकते हैं।
उनका कहना है कि मैं मंत्री नहीं बनना चाहता। मैं बस इतना चाहता हूं कि जब मैं दृढ़ संकल्प के साथ केरल के लोगों के लिए कोई परियोजना लेकर जाऊं, तो संबंधित मंत्रालय उसे लागू करें।” सुरेश गोपी ने यह भी कहा कि वे सिर्फ इसलिए कि वह त्रिशूर से जीते हैं, एक सांसद के रूप में उनका काम यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वह केरल और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए भी एक सांसद के रूप में काम करेंगे।
त्रिशूर पूरम उत्सव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित मंदिर उत्सव को कैसे आयोजित किया जाए, इस पर “एक नई कथा और एक नई स्क्रिप्ट” होगी। बता दें कि इस साल त्रिशूर पूरम के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए कथित प्रतिबंधों और अनुष्ठानों में उनके कथित हस्तक्षेप के बारे में उन्होंने यह बात कही