भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कितने द्विपक्षीय समझौते हुए हैं? ये समझौते किस-किस बात को लेकर हुए हैं? इनके मायने क्या हैं? अगर यह समझौते टूटते हैं तो इनका क्या असर हो सकता है
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को खत्म करने का एलान कर दिया है। इसके अलावा राजनयिक स्तर पर भी कई बड़े एलान हुए हैं। इस बीच पाकिस्तान ने भी दबाव में आते हुए भारत के साथ शिमला, कराची समझौते समेत अलग-अलग द्विपक्षीय समझौतों को तोड़ने की धमकी दी है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कितने द्विपक्षीय समझौते हुए हैं? ये समझौते किस-किस बात को लेकर हुए हैं? इनके मायने क्या हैं? अगर यह समझौते टूटते हैं तो इनका क्या असर हो सकता है?
किस बारे में?
- भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर 19 सितंबर 1960 को कराची में हस्ताक्षर हुए थे। समझौता सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों के पानी के इस्तेमाल को लेकर हुआ था।
- विश्व बैंक की तरफ से पहल के बाद समझौते करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच अलग-अलग स्तर पर 9 साल तक बात चली थी। भारत की तरफ से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान की तरफ से राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान ने संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
- सिंधु जल समझौते पर रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती योग्य भूमि सिंधु नदी प्रणाली के पानी पर निर्भर है। पानी रोके जाने के बाद अन्न संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची, लाहौर, मुल्तान निर्भर हैं।