नई दिल्ली, 31 जनवरी। आजादी की 75 वी वर्षगांठ के शुभ अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के महोपलक्ष्य में हिमालय हिन्द राष्ट्र समूह, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच तथा स्कूल ऑफ लैंगवेज लिट्रेचर एंड कल्चर स्ट्डीज, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वाधान में भारत और मध्य एशिया ऎतिहासिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संपर्क विषय पर 31 जनवरी से दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सैंटर मे द्विदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान भारत तथा मध्य एशियाई देशों के मध्य संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर जोर दिया गया। सेमिनार के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि महाभारत काल से ही इस क्षेत्र के सभी लोग एकजुट हैं। सभी लोगों को आपस में मिल जुलकर वार्तालाप करना चाहिए, ताकि क्षेत्र में शांति स्थापित हो सके।
कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकारिणी सदस्य ) संरक्षक राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की भूमिका मे मंच पर मौजूद रहे। डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि विश्व शांति एवं प्रगति का मार्ग एशिया से होकर गुजरता है। तथा भारत के बिना विश्व में शांति एवं सद्भाव स्थापित नही किया जा सकता है। भारत ने कोरोना के दौर में देशों को दवाइयां पहुंचा कर यह सिद्ध किया है हमारी वसुधैव कुटुंबकम् की संकल्पना सभी को परिवार मानकर चलने की है। उन्होंने कहा भारत विविधता से भरा हुआ देश है और विविधताओं को भिन्नता बताएंगे तो विवादों को जन्म मिलेगा। उन्होंने सभी धर्मों के मानने वालों को आपस में एक दूसरे के धर्म का आदर करने तथा सद्भाव से रहने का आह्वान किया।
गोलोक बिहारी ( संगठन महामंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच) ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मञ्च का ध्येय है कि 54 देश हिमालय हिंद महासागर का ही विस्तार हैं जो कि एशिया में अवस्थित है। उन्होंने आगे कहा की हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह कि स्थापना भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना का ही मूर्तरुप है।
सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर मौजूद विशिष्ट अतिथि प्रो. मजहर आसिफ ( डीन, एसएलएल और सीएस, जेएनयू ) प्रो एम महताब आलम रिजवी (एनएमसीपीसीआर,जामिया मिलिया इस्लामिया – राष्ट्रीय सचिव रा.सु.जा.म. , नई दिल्ली ) महेश चंद्र शर्मा (निदेशक,आर डी एफ आई एच ) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आर एन सिंह द्वारा दीपप्रज्वलन तथा भारत माता के चित्रपट पर पुष्प अर्पित कर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया