-कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह शरण पर, पदक विजेता पहलवानों ने लगाए यौन शोषण के आरोप।
-आरोप साबित हुए तो फांसी लगा लूंगा-बृजभूषण सिंह शरण
-विजय कुमार
नई दिल्ली,18 जनवरी। दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूष्ण शरण पर लडृकियों के साथ यौन शोषण जैसे कई गंभीर ओराप लगाए है। प्रदर्शन में कुल 25 से अधिक पहलवानों शामिल हैं। जिसमें ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहलवान भी प्रदर्शन का हिस्सा रहें।
पत्रकारों से बातचीत में राष्टृमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह शरण पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। लखनउ मंे कुश्ती कैंपों के दौरान कोच और अध्यक्ष के ऊपर पर महिलाओं को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है।
विनेश ने अपने बयान में कहा कि कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं। वे लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है। विनेश फोगाट ने कहा है कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण ने कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पुरुष कोच भी लड़कियों और महिला कोच का यौन शोषण करते हैं।
यहीं नहीं कुश्ती संघ हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं। वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था। जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है।
धरने पर बैठीं विनेश फोगाट ने इन सबके अलावा यह भी कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा। मुझे कई दिनों तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उस वक्त मैंने अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में भी सोचा। क्योंकि हमें सीधे मारने की धमकी दी जाती थी। मीडिया कर्मियों से बातचीत में पहलवान विनेश फोगाट कई बार न सिर्फ भावुक हुईं, बल्कि कई बार उनकी आंखों से आंसू छलके। भावुक होते हुए भारतीय पहलवान ने कहा कि फेडरेशन की तरफ से खिलाड़ियों का शोषण किया जा रहा है। नेशनल कैम्प्स में पोस्टेड कुछ कोच तो महिलाओं का कई सालों से यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान भी कई शोषित महिला पहलवान यहां पर मौजूद है। कई महिला पहलवान पहले भी इसकी शिकायत कर चुकी हैं। लेकिन कोई इसके बारे में कार्रवाई नहीं करता। इतना ही नहीं, विनेश फोगाट ने यह भी कहा कि कोच महिला खिलाड़ियों को प्रताड़ित कर रहे हैं, यहां तक पानी पीने के लिए भी परमिशन लेनी Rd कहना चाहते हैं कि अगर कोई भी महिला खिलाड़ी कुछ गलत कदम उठाती है तो, उसकी जिम्मेदार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और फेडरेशन की होगी।
भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ तथा महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का विरोध करने वाले पहलवानों में टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता विनेश फोगट सहित देश के कई शीर्ष पहलवान शामिल थे। उन्होंने कहा जिस तरह से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का संचालन बृजभूषण सिंह कर रहे हैं, पहलवान उससे तंग आ चुके हैं। वहीं बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से भाजपा सांसद भी हैं।
इस प्रदर्शन को लेकर पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पहलवानों को परेशान कर रहा है। जो लोग डब्ल्यूएफआई का हिस्सा हैं उन्हें खेल के बारे में कुछ नहीं पता है। पहलवान चल रही तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करना चाहते। बजरंग पूनिया ने कहा कि हमारा विरोध उनके खिलाफ है जो बिना पहलवानों के हितों को ध्यान में रखे फैसले लेते हैं। इस प्रदर्शन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कहा हम रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का विरोध कर रहे। उन्होंने फेडरेशन के सचिव विनोद तोमर पर आरोप लगाया कि उनके पास जितनी प्रोपर्टी है उसकी छानबीन की जानी चाहिए।
—- इस मामले को लेकर बृजभूषण सिंह शरन ने भी अपना बयान दिया है।——-
अब इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। बृजभूषण ने कहा कि अगर ये सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने कहा कि पहलवानों के धरने के पीछे एक बड़े उद्योगपति का हाथ बताया। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, क्या ऐसा कोई खिलाड़ी है जो आकर कह सकता है कि कुश्ती संघ ने उसे प्रताडिात किया, क्या उन्हें पिछले दस साल से फेडरेशन से कोई समस्या नहीं थी। ये सारी बातें तब हो रही हैं जबसे नए नियम लागू किए गए हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद से किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है।
उन्होंने कहा, मैं विनेश फोगाट से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ओलंपिक में हार के बाद कंपनी की लोगो वाली पोशाक क्यों नहीं पहनी थी? उसके मैच हारने के बाद, मैंने केवल उसे प्रोत्साहित और प्रेरित किया था। यौन शोषण के बहुत बड़ा आरोप है। जब मुझे ही इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कोई कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा जब मुझे पता चला कि पहलवान धरने पर बैठे हैं तो मैं तुरंत फ्लाइट का टिकट लेकर दिल्ली पहुंच गया। क्या कोई सामने है कि कह दे कि संघ ने कभी किसी खिलाड़ी का शोषण किया है? क्या कोई मेरे सामने कह सकता है कि मैंने शोषण किया है? यह गलत है। इसमें मुख्य कोच का नाम भी लिया गया है। उन्होंने कहा, मैं ये पूछना चाहता हूं कि आप नेशनल में नहीं खेलोगे और आप ओपन-नेशनल में नहीं खेलोगे। उसके बाद यह कहोगे कि ट्रायल भी सिर्फ एक हो। देश के अन्य खिलाड़ी भी एशिया या ओलंपिक स्तर पर खेलना चाहते हैं। जब आपको फेडरेशन से इतनी ही समस्या थी तो आपने 10 सालों में क्यों नहीं बताया।
बृजभूषण ने बताया संघ ने दुनिया के कई देशों के नियमों का अध्ययन करने के बाद एक नियम बनाया। हमने ओलंपिक के बाद ट्रायल का नियम बनाया। किसी को ओलंपिक में जाना है तो उसे देश के अन्य खिलाड़ियों के साथ ट्रायल होगा। जो खिलाड़ी ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुका है, उसका मुकाबला देश में ट्रायल जीतने वाले के साथ होगा। फिर वहां से ओलंपिक के लिए पहलवान का चयन होगा। अगर ओलंपिक कोटा हासिल करने वाला हार जाता है तो उसे फिर एक मौका दिया जाएगा। हम नियम के अनुसार काम कर रहे हैं। तानाशाही की कोई बात ही नहीं। यह मेरा फैसला नहीं, बल्कि अच्छे कोचों और इन खिलाड़ियों से राय लेने के बाद लिया गया है।
बृजभूषण ने आगे कहा, जितने लोग धरने पर बैठे हैं वे ओलंपिक के बाद राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लड़े हैं। ये खिलाड़ी देश के अंदर एक भी प्रतिस्पर्धा में भाग नहीं लिया। इसके बाद हमने यह फैसला किया कि किसी अगर कैंप में आना है तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर खेलना होगा। कुछ खिलाड़ियों ने कहा कि हमें इस बारे में पता नहीं था, तो हमने सरकार से बात की और फिर उनका नाम अलग से दिया। जो खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं, वह भी तो ओलंपिक में खेलने का सपना देख रहे हैं।
बृजभूषण ने आगे कहा, हाल ही में बजरंग और साक्षी मुझसे मिलकर गए थे, लेकिन तब उन्होंने अपनी समस्या के बारे में बात नहीं कही थी।