केंद्र सरकार की ओर से पारगमन सुविधा रद्द किए जाने के बाद बांग्लादेश का पारगमन माल से लदा कोई भी ट्रक नौ अप्रैल से पेट्रापोल सीमा से नहीं आया है। यह सुविधा बांग्लादेश के लिए बहुत लाभकारी थी। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित पेट्रापोल भूमि बंदरगाह पर भारत के रास्ते दोबारा निर्यात के लिए बांग्लादेश से भेजा जाने वाला पारगमन माल वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान 46 प्रतिशत बढ़ गया था।
भारत ने 29 जून 2020 से भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से और बाद में भारतीय बंदरगाहों तथा हवाई अड्डों के माध्यम से बांग्लादेश से तीसरे देशों को भेजे जाने वाले निर्यात माल के पारगमन की अनुमति दी थी। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के चलते इस साल 8 अप्रैल को केंद्र सरकार ने पारगमन सुविधा को रद्द कर दिया। पारगमन सुविधा का मतलब एक देश से माल दूसरे देश ले जाने के लिए किसी तीसरे देश के बंदरगाह, हवाई अड्डे या परिवहन मार्ग का अस्थायी उपयोग करना होता है।
9 अप्रैल से पेट्रापोल सीमा में किसी भी ट्रक ने नहीं किया प्रवेश
पेट्रापोल लैंड पोर्ट मैनेजर कमलेश सैनी ने बताया कि बांग्लादेश से तीसरे देशों को जाने वाले किसी भी ट्रक ने 9 अप्रैल से पेट्रापोल सीमा में प्रवेश नहीं किया है। अगले आदेश तक स्थिति ऐसी ही रहेगी। हालांकि, बांग्लादेश के साथ सामान्य प्रत्यक्ष आयात-निर्यात गतिविधि निर्बाध रूप से जारी है। नौ अप्रैल से पहले बांग्लादेश से आए लगभग 50-60 ट्रकों में से लगभग 15-20 ट्रक यूरोप और अमेरिका जैसे पश्चिमी बाजारों के लिए तैयार कपड़ों से भरे कंटेनर ले जा रहे थे। दूसरी ओर, लगभग 400 भारतीय ट्रक प्रतिदिन पेट्रापोल-बेनापोल सीमा के माध्यम से पड़ोसी राज्य में प्रवेश करते हैं।
पारगमन सुविधा रद्द करने का फैसला वापस ले भारत : बांग्लादेशी कारोबारी
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और कारोबारी फारूक हसन ने कहा कि मैं भारत सरकार से बांग्लादेशी सामानों के लिए पारगमन सुविधा को रद्द करने के फैसले को वापस लेने का आग्रह करता हूं। हम पड़ोसी हैं। हम अच्छे साझेदार हैं। हम अपने कपड़े, रंग, रसायन, मशीनरी, यार्न का भारी मात्रा में आयात करते हैं, इसलिए हम भारत के बड़े आयातक हैं। भारत को यह स्वीकार करना चाहिए। हमारे उनके साथ अच्छे संबंध हैं।
रेडीमेड गारमेंट बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़
रेडीमेड गारमेंट बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। बांग्लादेश के कुल निर्यात में से 83/84 प्रतिशत से अधिक निर्यात रेडीमेड गारमेंट्स के निर्यात से आता है। 95 प्रतिशत से अधिक माल जहाज से जाता है और केवल 5 प्रतिशत हवाई मार्ग से जाता है। हसन ने कहा कि यह साल पूरी दुनिया में बहुत चुनौतीपूर्ण चल रहा है। हाल ही में, अमेरिका के लगाए गए टैरिफ मुद्दे पर, बांग्लादेश सहित सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए स्थिति बहुत अस्थिर हो गई। अमेरिका में पहले से ही कपड़ों की कीमतें बढ़ने वाली हैं, साथ ही मुद्रास्फीति भी बढ़ने वाली है।पहले से ही बांग्लादेशी निर्माता इस वैश्विक टैरिफ परिदृश्य से दबाव में हैं और फिर हाल ही में भारत ने बांग्लादेशी वस्तुओं के लिए पारगमन सुविधाएं रद्द कर दी हैं। इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि हमारे सभी शिपमेंट अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन या पश्चिमी दुनिया के गंतव्यों को जाते हैं। हमारे पास माल को सीधे भेजने की बहुत कम सुविधाएं हैं। इसलिए, हमें अलग-अलग देशों में माल भेजना पड़ता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसकी अनुमति है।