चीन से सटी सीमा वाली अपनी जमीन पर भारत लगातार निर्माण कार्य कर रहा है. चीन की घुसपैठ के इरादों को भारत का यह कदम दोहरी चोट देगा. इस बीच सीमा सड़क संगठन ने जानकारी दी है कि लद्दाख क्षेत्र में सैन्य और नागरिक उपयोग दोनों के लिए निर्माण कार्य प्रगति पर है. इस क्रम में सरकार के प्रयास के तहत पूर्वी लद्दाख सेक्टर में दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग (टनल), सड़क और लड़ाकू विमान बेस का निर्माण कार्य जारी है.
प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी (बीआरओ) ने कहा कि मिग ला-फुकचे सड़क के निर्माण के साथ, बल दो साल पहले उमलोंग ला दर्रे पर सबसे ऊंची सड़क बनाने के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, मिग ला-फुक्चे सड़क अगले दो सीज़न में बनाई जाएगी. ये गंभीर स्थिति में सेना की तैनाती को सक्षम करने वाली सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क होगी.
उन्होंने कहा कि उमलिंग ला दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क है. 15 अगस्त को बीआरओ ने 19400 फीट की ऊंचाई पर लिकरू, मिग-ला और फुकचे को जोड़ने वाली सड़क शुरू की. इससे किसी भी गंभीर स्थिति उत्पन्न होने पर जल्द से जल्द सैनिकों की तैनाती में मदद मिलेगी. बीआरओ सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क के अपने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार है.
बीआरओ प्रमुख ने कहा कि दुनिया की सबसे ऊंची बाय-लेन सुरंग सेला भी तैयार है और उम्मीद है कि जल्द ही प्रधानमंत्री इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सेला सुरंग का उद्घाटन किया जाएगा. यह दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी दो लेन वाली सुरंग होगी.
भारतीय सेना की सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा लद्दाख क्षेत्र में भौतिक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए की गई एक और रिकॉर्ड-ब्रेक गतिविधि में, जल्द ही मनाली को ज़ांस्कर से लेह तक जोड़ने वाली शिंकू ला सुरंग पर काम भी शुरू हो जाएगा. यह चीन में स्थित MiLa सुरंग का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी.