संभल बवाल में पाकिस्तान और यूएसए में बने कारतूसों के मिलने से जांच में गंभीर तथ्य सामने आए हैं। नौ एमएम का सरकारी असलहे में इस्तेमाल होने वाला कारतूस भी मिला है। पुलिस अब इन हथियारों की पहुंच और उपयोग की जांच करेगी।
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल में नाै एमएम पिस्टल का भी इस्तेमाल किया गया। मंगलवार को पुलिस छानबीन के दौरान मोहल्ला कोटगर्वी में टंकी रोड पर कूड़े के अंदर पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बने एक कारतूस और एक खोखा मिला है। इसके अलावा 12 बोर का यूएसए में बना खोखा मिला है।
इसी तरह तीन खोखे 32 बोर के भी मिले हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि यह गंभीर तथ्य सामने आया है। इसकी बारीकी से जांच की जाएगी। नाै एमएम कारतूस का इस्तेमाल सरकारी असलहा में ही किया जाता है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जाएंगे।
किसने पिस्टल का बवाल में इस्तेमाल किया है। एसपी ने बताया कि मंगलवार को पुलिस की जांच टीम छानबीन कर रही थी। इसी दौरान एक खोखा और एक कारतूस पुलिस को मिला है। इसके पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्टरी का होने का प्रमाण मिला है।
इसी तरह यूएसए में बना एक 12 बोर का खोखा भी मिला है। 32 बोर के तीन खोखे मिले हैं। एसपी ने कहा कि अब जांच यह भी की जाएगी कि पाकिस्तान और यूएसए का कारतूस संभल तक कैसे पहुंचा और किस हथियार में इस्तेमाल किया गया।
पुलिस को चकमा देकर संभल पहुंचे पर रहे बाहरी लोग
दस दिसंबर तक जिले में बाहरी रोक के बावजूद मंगलवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद और कांग्रेसी नेता पीड़ित परिवारों से मिलकर चले गए। पुलिस-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। बाहरी लोगों को रोकने में खुफिया तंत्र भी असफल रहा। जबकि अधिकारी लगातार निगरानी की बात कह रहे हैं। जमीयत उलमा ए हिंद के पदाधिकारियों ने भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व यूपी के प्रदेश सचिव भी मुलाकात करने के लिए पहुंचे। शनिवार को हैदराबाद निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सलमान ने मुलाकात की थी। अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।