विजय कुमार
नई दिल्ली,15 जनवरी। इन दिनों राजधानी मंेे गणतंत्र दिवस को लेकर सुरक्षा काफी सख्त है। टृैफिक को लेकर भी पुलिस दिनरात सेवा में लगी दिखाई देती है। अगर पुलिस जहां नहीं दिखाई देती वो है दिल्ली का आईटीओ।
असल में राजधानी दिल्ली में समाचार पत्रों के मक्का कहे जाने वाले बहादुर शाह जफर मार्ग, आईटीओ, में भारी अतिक्रमण के चलते आम लोगों के अलावा पत्रकारो को भी भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शहीदी पार्क से लेकर सर्विस लेन प्यारे लाल भवन तक कार पार्किंग माफियाओं ने पूरी सडक को घेर रखा है, सफेद लाईन खींची होने के बावजूद वो बीट कांस्टेबल से सांठगांठ करके सड़कों पर दोनों तरफ पार्किंग कराते नजर आते हैं।इतना ही नही जगह जगह दर्जनों अवैध रेहडियां, ठेले भी पूरे मार्ग को अवरूद्ध करते हैं। जिससे आम व्यक्ति को वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।
आईटीओ मैट्रो स्टेशन गेट नं .4 के बाहर पासपोर्ट आफिस होने के कारण पार्किंग वाले विपरित दिशा से वाहनों की पार्किंग करवाते हैं, जिससे पूरा रोड जाम हो जाता है। सड़कों पर रेहडी और ढाबे वाले गैस सिलेंडर का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं। देर रात तक खुले ढाबो के सामने गाडियो के अंदर बैठकर मदिरापान होता है, इतना ही इनकी वजह से कई बार पत्रकारो से झीनाझपटी और लडाई झगड़ा तक हो जाता है, लेकिन क्षेत्र का बीट कांस्टेबल या तो दिखाई ही नहीं देते अगर दिखाई भी दे जाएं तो वह अवैध पार्किंग को लेकर चुप्पी ही सादे रहते है। वह अक्सर अवैध उगाही वाले महीने के शुरूआती दिनों में ही दिखाई देते है। पत्रकारों का अनुरोध है अगर डीसीपी सेन्ट्रल इस ओर ध्यान देंगे,तो इन सभी अनियमितताओ से पत्रकारों को निजात मिल सकती है