जावेद अख्तर आज यानी 24 फरवरी को एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी पाकिस्तान यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोई भी देश किसी धर्म से नहीं बनता, पाकिस्तान तो पहली बात बनना ही नहीं चाहिए था। पाकिस्तान का बनना तर्कपूर्ण नहीं था।
अगर कोई किताब लिखी जाए कि मानव ने अपने इतिहास में कौन से ऐसे 10 ब्लंडर्स किए हैं, तो उसमें पाकिस्तान का बनना भी एक होगा। जावेद अख्तर ने कहा कि जब वो पाकिस्तान से लौटे तो लोगों का ऐसा रिएक्शन था जैसे कि वो थर्ड वर्ल्ड वॉर जीत के आ रहे हो।
पाकिस्तान से लौटने के बाद कई कॉल्स और मैसेज आए- जावेद
जावेद अख्तर ने इस समिट में कहा, ‘जब मैं पाकिस्तान से लौट के आया तो ऐसा लग रहा था जैसे थर्ड वर्ल्ड वॉर जीत के आया हूं, मेरे पास कई सारे कॉल्स और मैसेज आने लगे थे। मैंने सोचा कि ऐसा क्या तीर मार दिया था, जो बात मैंने वहां बोली वो तो कहना जरूरी था।
वहां (पाकिस्तान) में तो मुझे गालियां भी पड़ रही हैं, लोग कह रहे है कि मुझे वीजा क्यों दिया। लेकिन मैं जिस मुल्क में रहता हूं अगर यहां कोई बात कहने में नहीं डरता तो पाकिस्तान में बोलने से क्यों डरूंगा।’
पाकिस्तान का बनना एक गलती है…
जावेद अख्तर से पाकिस्तान के बनने पर भी सवाल किया गया। जवाब में उन्होंने कहा, ‘कोई भी धर्म एक देश नहीं बनाता,अगर ऐसा होता तो पूरा मिडिल ईस्ट मिलाकर एक देश होता साथ ही पूरा यूरोप भी एक ही देश के अंतर्गत आ जाता। पाकिस्तान का बनना एक गलती है, लेकिन अब इसे बदल नहीं सकते।
आज देखा जाए तो पाकिस्तान में अहमदिया और शिया मुसलमान नहीं हैं क्योंकि उन्हें वहां से रिजेक्ट कर दिया था। आज हम भी वहीं कर रहे हैं, जो उन्होंने 70 साल पहले किया था। आज आप भी हिंदू राष्ट्र चाहते हैं, मैं तो कहता हूं जो वो नहीं कर सके दुनिया नहीं सकी, वो आप क्या करेंगे।’
वहां स्लम नहीं दिखे, हो सकता है छिपाए गए हो
जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी के मौजूदा आर्थिक हालात पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मुझे वहां कोई स्लम नजर नहीं आया, हमारे यहां तो ऐसे स्लम सामने ही दिख जाते हैं। मुझे उनके यहां गरीबी नहीं दिखी, शहरों में भी बड़े-बड़े घर दिखाई दे रहे थे। अब ऐसा तो होगा नहीं कि वहां गरीबी नहीं होगी, गरीबी तो जरूर होगी, लेकिन हो सकता है छिपा के रखी गई हो।’
26/11 हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को कर दिया था टारगेट
जावेद अख्तर पाकिस्तान के लाहौर में हुए ‘फैज फेस्टिवल’ में पहुंचे थे। वहां उर्दू शायर फैज अहमद फैज की याद में 17 से 19 फरवरी तक कार्यक्रम किया गया था।
इस दौरान एक एंकर ने जावेद अख्तर से कहा कि पाकिस्तान बड़ा फ्रेंडली, लविंग और पॉजिटिव मुल्क है। हम बम नहीं मारते, फूल भी पहनाते हैं और प्यार भी करते हैं। इस बारे में उनके क्या ख्याल हैं।
जावेद अख्तर ने तब कहा, ‘हम तो बंबई के लोग हैं, हमने देखा हमारे शहर पर कैसे हमला हुआ था। वो लोग (आतंकी) नॉर्वे से तो नहीं आए थे, ना इजिप्ट से आए थे। वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं। तो ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।’