राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) गुरुवार को विजयदशमी पर संगठन के शताब्दी वर्ष मना रहा है। संगठन के 100 साल पूरे होने पर नागपुर के रेशीमबाग स्थित संघ के मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का विजयादशमी समारोह गुरुवार को नागपुर के रेशमबाग में हो रहा है। कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। कोविंद बुधवार को ही नागपुर पहुंच गए थे।
बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नागपुर पहुंचने के बाद दीक्षाभूमि गए, जहां संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था। पूर्व राष्ट्रपति ने दीक्षाभूमि पर प्रार्थना की। कोविंद बृहस्पतिवार को यहां आरएसएस की विजयादशमी रैली में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस अवसर पर संघ के शताब्दी वर्ष समारोह का भी आयोजन होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से ज्यादा ‘हिंदू सम्मेलनों’ समेत कई कार्यक्रमों की योजना बनायी है।
इसकी शुरुआत दो अक्टूबर को यहां संगठन के मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक विजयादशमी संबोधन से होगी। केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में 17 लोगों की उपस्थिति में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। 17 अप्रैल, 1926 को हुई एक बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम तय किया गया था। संघ का पहला पथ संचलन 1926 में पहले विजयादशमी उत्सव के दिन प्रारंभ हुआ था।
21 हजार से अधिक गणवेशधारी स्वयंसेवक महोत्सव में लेंगे हिस्सा
इस वर्ष शताब्दी वर्ष होने के कारण पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना ज़्यादा यानी लगभग 21 हज़ार स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में विजयदशमी समारोह में हिस्सा लेंगे। 1995 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विजयादशमी उत्सव नागपुर के रेशमबाग मैदान में मनाया जाता रहा है। इससे पहले यह उत्सव कस्तूरचंद पार्क में आयोजित होता था। इस कार्यक्रम में घाना, थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका आदि देशों के लगभग 50 से 60 प्रतिनिधि उपस्थित रहने की संभावना है।