कोरोना वायरस ने भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में भारी तबाही मचाई थी. वायरस की विनाशकारी दो लहरों में लाखों लोगों ने जान गंवाई थी. अब जब बीते दो सालों में हालात बेहतर हुए हैं तो यूके में मिले नए कोविड वेरिएंट पिरोला ने टेंशन बढ़ा दी है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कुछ दिनों में ही इस वेरिएंट के कारण कोरोना के मामलों में दुगना उछाल आया है. यूके के अधिकांश क्षेत्रों में यह तेजी से फैला है.
यह कोरोनोवायरस का एक बहु-उत्परिवर्तित और अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने वाला स्ट्रेन है जो ब्रिटेन में तेजी से प्रमुख स्ट्रेन बन रहा है. हाल के हफ्तों में लगभग हर कुछ दिनों में सकारात्मक मामले दोगुने हो रहे हैं. विश्व स्तर पर BA.2.86 के कम संख्या में पुष्टि किए गए मामले सामने आए हैं.
यह पुष्टि की गई है कि इसमें 30 से अधिक विभिन्न उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन हैं. जिससे एक्सपर्ट्स के लिए इसका ठीक से विश्लेषण करना मुश्किल हो गया है और यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की निगरानी सूची में है. यूके की स्वास्थ्य और सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि इसे यूके के अधिकांश हिस्सों में देखा गया है. BA.2.86 यूके के भीतर प्रसारित हो रहा है, अधिकांश क्षेत्रों में छिटपुट मामलों की पहचान की गई है.
कोविड पिरोला स्ट्रेन के लक्षण:
-छींक आना
-गला खराब होना
-सिरदर्द
-बहती नाक
-हल्की या गंभीर थकान
BA.2.86 की पहचान पहली बार अगस्त में हुई थी और ब्रिटेन में इसके 54 पुष्ट मामले हैं लेकिन अभी तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. उत्तरी आयरलैंड की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा कोविड-19 के नवीनतम ओमिक्रॉन सबवेरिएंट, BA.2.86 की पहचान के बाद फ्लू और कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पहले ही शुरू हो चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नया स्ट्रेन प्रचलन में मौजूद अन्य वैरिएंट की तुलना में लोगों को गंभीर रूप से बीमार करने की अधिक संभावना है. जबकि टीकाकरण से निरंतर सुरक्षा मिलने की संभावना है.
हालांकि महामारी के चरम के बाद से कोविड-19 से खतरा काफी कम हो गया है. फिर भी यह गंभीर स्वास्थ्य खराब करने और कुछ मामलों में मृत्यु का कारण बनने में सक्षम है. फ्लू के लिए भी यही बात लागू होती है.