नई दिल्ली, 06 सितंबर, 2024
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोहार, सुनार, धोबी, बढ़ई, मूर्तिकार, नाई, राजमिस्त्री, मोची, दर्जी जैसे अनेकों कारीगरों और शिल्पकारों के पंजीकरण के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शिविर का आयोजन आज उल्लास भवन, लक्ष्मीबाई नगर, नई दिल्ली में किया।
एनडीएमसी सदस्य, श्रीमती विशाखा शैलानी ने पीएम विश्वकर्मा योजना शिविर का दौरा किया और कारीगरों और शिल्पकारों को इस योजना के तहत पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। श्रीमती शैलानी ने शिविर में आए लोगों को योजना और इसके लाभों के बारे में भी अवगत कराया। शिविर में आज 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 150 से अधिक लोगों का पंजीकरण भी किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह लक्ष्मीबाई नगर के इंद्रा निकेतन में ऐसे शिविर का आयोजन किया जा चुका है तथा कल सांगली मेस में भी एनडीएमसी द्वारा ऐसा ही पंजीकरण शिविर आयोजित किया जाएगा।
योजना की शानदार सफलता के लिए एनडीएमसी को अपने क्षेत्र के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया । इस प्रक्रिया में एनडीएमसी ने अपने क्षेत्र में हाथों तथा औजारों से काम करने वाले कारीगरों/शिल्पकारों के पंजीकरण के लिए विभिन्न स्थानों पर शिविरों का आयोजन किया है, ताकि इस योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जा सके। भविष्य में एनडीएमसी अपने क्षेत्र में काम करने वाले धोबियों के विभिन्न स्थानों पर भी ऐसे शिविरों का आयोजन करेगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य करोड़ों विश्वकर्माओं को पहचान प्रदान करना है, जो अपने हाथों, औजारों तथा उपकरणों से कड़ी मेहनत करके कुछ न कुछ बनाते हैं। लोहार, सुनार, धोबी, बढ़ई, मूर्तिकार, नाई, राजमिस्त्री, मोची, दर्जी आदि अनगिनत लोगों की एक बड़ी सूची है। पीएम विश्वकर्मा इस योजना का लाभ देने के लिए इनके नाम पंजीकृत करके देश भर के करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बदलाव लाएंगे।
इस पीएम विश्वकर्मा योजना में विभिन्न व्यापार/व्यवसाय इस योजना में शामिल हैं: बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार (लोहार), हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार)/ पत्थर तराशने वाले /पत्थर तोड़ने वाले, मोची (चर्मकार) जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, टोकरी बनाने वाले, वेवर, चटाई बनाने वाले, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया बनाने वाले, नाई, मछली जाल बनाने वाले इत्यादि।
इस विश्वकर्मा योजना में पंजीकरण के लिए कुछ पात्रता मानदंड हैं जैसे कि एक कारीगर या शिल्पकार, जो हाथों और औजारों से काम करता है और परिवार आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से एक में लगा हुआ है। योजना में उल्लिखित असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के आधार पर कार्यरत व्यवसाय पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। पंजीकरण की तिथि को लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। पंजीकरण की तिथि को लाभार्थी संबंधित व्यवसाय में लगा हुआ भी होना चाहिए तथा पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार या राज्य सरकार की स्वरोजगार/व्यवसाय विकास के लिए इसी प्रकार की ऋण आधारित योजनाओं जैसे पीएमईजीपी पीएम स्वनिधि, मुद्रा के अंतर्गत ऋण नहीं लिया हो। योजना के अंतर्गत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक सीमित रहेंगे।
इस पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पंजीकरण के लिए कई लाभ शामिल हैं: कार्य को मान्यता, पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन, विपणन सहायता, सभी पंजीकृत लाभार्थियों के लिए 500/- रुपये प्रतिदिन के प्रोत्साहन पर 7 या 15 दिनों के लिए बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण तथा सभी पंजीकृत लाभार्थियों को 15000/- रुपये मूल्य की टूल किट दी जाएगी।