धरना-प्रदर्शन में बच्चों, महिलाओं और पुरूषों के हाथों में बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की हकीकत बयां करते हुए तमाम कटआउट, बैनर और पोस्टर बर्बरता की असलियत दिखा रहे थे। जिन्हें देखकर लोग रो पड़े।
अलीगढ़ के गांधी पार्क बस स्टेंड पर बांग्लादेश अल्पसंख्यक सुरक्षा मंच की ओर से आयोजित जनाक्रोश धरना प्रदर्शन में 3 दिसंबर को हजारों की तादात में आए हिंदुओं का आक्रोश देखने को मिला। वहां जमकर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। बांग्लादेश सर्जिकल स्ट्राइक करने की मांग उठी। बच्चों, महिलाओं और पुरूषों के हाथों में बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की हकीकत बयां करते हुए तमाम कटआउट, बैनर और पोस्टर बर्बरता की असलियत दिखा रहे थे। जिन्हें देखकर लोग रो पड़े।
धरना-प्रदर्शन से पहले इस्कान के कार्यकर्ताओं ने हरिनाम संकीर्तन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुलश्रेष्ठ ने कहा कि मानवाधिकार का हनन न हो, इसके लिए यूएनओ बना है। उन्हें गाजा, फलस्तीन तो दिखाई देता है, मगर इजराइल में मारे लोग उन्हें ये दिखाई नहीं देता। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का नरसंहार भी उन्हें नहीं दिखाई देता। इससे उनकी नीयत पर सवाल उठता है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार हो रहा है। हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे हैं। इस्कान के चिन्मय दास को गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खतरे में है। भारत सरकार को इसमें कठोर कदम उठाना चाहिए। चिन्मय कृष्ण दास को भी मुक्त कराना चाहिए।