सनसनीखेज दावा करते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार की वरिष्ठ मंत्री आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने उपराज्यपाल के द्वारा गृह मंत्रालय को लिखे गए पत्र पर भी आपत्ति जताई।
अरविंद केजरीवाल और अन्य आम आदमी पार्टी नेता लगातार यह कह रहे हैं कि वे (अरविंद केजरीवाल) जेल से ही दिल्ली सरकार चलाएंगे। संविधान में कहीं भी जेल से सरकार चलाने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है और इस कारण अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, भाजपा लगातार कह रही है कि जेल से सरकार चलाना संभव नहीं है। व्यावहारिक बाध्यताओं के साथ-साथ नैतिकता के आधार पर भी जेल से सरकार चलाना सही नहीं है और इस कारण अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले की जांच को लेकर 21 मार्च से जेल में बंद हैं।
लेकिन एक सनसनीखेज दावा करते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार की वरिष्ठ मंत्री आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने उपराज्यपाल के द्वारा गृह मंत्रालय को लिखे गए पत्र पर भी आपत्ति जताई। आतिशी ने कहा कि किसी राज्य में कोई सरकार रहे, या न रहे, इसका निर्णय सदन के पटल पर होता है। बीते 17 फरवरी को ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित किया था। ऐसे में एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार को किसी भी तरीके से गिराना सही नहीं होगा।
विकल्प और उसके राजनीतिक नफा-नुकसान
राजनीतिक विश्लेषक कुमार राकेश ने अमर उजाला से कहा कि कानून-व्यवस्था के फेल होने के आधार पर उपराज्यपाल केंद्र सरकार से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील कर सकते हैं। लेकिन अभी तक केंद्र की तरफ से ऐसा कोई प्रयास होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सके कि केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की ओर बढ़ रहा है।
इसका एक बड़ा कारण यही हो सकता है कि भाजपा इस कदम के राजनीतिक नफे-नुकसान का आकलन कर रही हो। अभी तक नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दस साल के कामकाज में किसी एक भी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया है। यदि वह दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाती है, तो इससे विपक्ष को यह कहने का अवसर मिल सकता है कि केंद्र सरकार विपक्षी सरकारों को परेशान कर रही है। वह दूसरे मामलों को लेकर पहले ही केंद्र पर हमलावर है। ऐसे में यदि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगे तो इससे विपक्ष के दावों को बल मिल सकता है। केंद्र सरकार चुनावों के बीच ऐसा कदापि नहीं चाहेगी।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। यदि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, तो आम आदमी पार्टी इसका लाभ विधानसभा चुनावों में उठाने की कोशिश कर सकती है। यदि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी अपना चुनावी अभियान चलाती हैं तो उसे इनका राजनीतिक लाभ मिल सकता है, जो कि भाजपा कभी नहीं चाहेगी। अब तक दिल्ली को लेकर इस तरह का कोई निर्णय न करने के पीछे यह बड़ा कारण हो सकता है।
व्यावहारिक परेशानी
जेल से सरकार चलाने को लेकर कई तरह की व्यावहारिक दिक्कतों की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री को हर सप्ताह अन्य मंत्रियों के साथ बैठक करनी होती है, उसे उपराज्यपाल से मिलना होता है, दूसरे विभागों के मंत्रियों-अधिकारियों से मंत्रणा लेनी होती है और महत्त्वपूर्ण कागजातों पर हस्ताक्षर करने होते हैं। लेकिन जेल मैनुअल के अनुसार जेल में किसी सजायाफ्ता या हिरासत में बंद कैदी को इस तरह लोगों से मिलने की खुली छूट नहीं दी जा सकती। ऐसे में प्रशासन के जानकारों का मानना है कि जेल से सरकार चलाना संभव नहीं है।
राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद गरमाई राजनीति
दिल्ली सरकार के एक अहम मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद राजनीति गरमा चुकी है। दिल्ली भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि राजकुमार आनंद के पास सात महत्त्वपूर्ण विभाग थे। अब वे अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में इन सभी विभागों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं और इससे जनता का नुकसान हो रहा है। चूंकि अभी तक ये विभाग किसी को सौंपे नहीं गए हैं, लोगों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जनता को अरविंद केजरीवाल के गलत कार्यों की सजा नहीं दी जा सकती। इसका रास्ता निकाला जाना चाहिए, जनता का नुकसान न हो।
भाजपा ने लगाया सनसनीखेज बयान देने का आरोप
आतिशी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी नेता हमेशा नए-नए सनसनीखेज बयान देते रहते हैं। उन्हें कोई बयान देने की बजाय इस बात पर विचार करना चाहिए कि दिल्ली का प्रशासन कैसे सुचारु रूप से चलाया जाए, जिससे जनता के कार्यों में कोई परेशानी न आए। इसके पहले मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल पर यह कहते हुए जोरदार हमला किया था कि जेल से अपराधी लोग अपने गिरोह चलाते हैं, लेकिन जेल से कोई सरकार नहीं चलाई जा सकती। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की थी।