उसके माता-पिता ने भलस्वा डेयरी थाने में इसकी शिकायत की और फिर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगले दिन सुबह करीब सात बजे बच्ची एक पार्क के पास मिली। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसका यौन उत्पीड़न होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इसके बाद यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ा गया।
वहीं सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में आरोपी को बच्ची को कहीं ले जाते हुए देखा जा सकता है। पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर क्षेत्र) देवेश कुमार महला ने बताया कि मामले में अनिल पाठक नाम के व्यक्ति को भलस्वा डेयरी इलाके से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पाठक को इलाके में देखा गया है और इससे पहले कि पुलिस की टीम वहां पहुंचती, स्थानीय लोगों ने उसे पहचान लिया और उसकी पिटाई कर दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आरोपी ने दावा किया है कि वह दिल्ली से बाहर था, और उसके दावों की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर पाठक भलस्वी डेयरी इलाके में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए 10 दलों का गठन किया गया है। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने शहर की पुलिस को नोटिस जारी कर इस घटना पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।