एक तरफ जलती चिताएं…रोते-बिखलते मातम मनाते लोग। दूसरी तरफ…डीजे की धमक और अबीर-गुलाल के साथ चिता की राख से होली खेलते हुए नॉनस्टाप डांस। कोई गले में नरमुंड की माला पहनकर तांडव कर रहा है, तो कोई दांतों तले जिंदा सांप दबाकर नाच रहा है। रंग और राख से सराबोर झूमते-गाते विदेशी पर्यटक। शनिवार को यह नजारा था काशी के मणिकर्णिका श्मशान घाट का। यहां मसाने की होली खेली गई।
शनिवार सुबह 10 बजे शुरू होली शाम 6 बजे तक नॉनस्टॉप चलती रही। पांच लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ का गौना कराकर मसाने की होली खेली।