21 फरवरी, 2023
हैदराबाद में चार साल के मासूम बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने अटैक किया। जिसमें बच्चे की जान चली गई। बच्चा अपने गार्ड पिता के साथ उनके ऑफिस आया था। वह खेलते-खेलते ऑफिस से बाहर आ गया। तभी कुत्तों के झुंड ने बच्चे पर अटैक कर दिया और उसकी जान चली गई।
20 फरवरी, 2023
सूरत के लोग आवारा कुत्तों की वजह से खौफ में हैं। बच्चों को घर से बाहर नहीं भेज रहे हैं। सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के इलाके में बीते 15 दिनों में कुत्तों के काटने के 477 मामले दर्ज किए गए हैं।
19 फरवरी, 2023
सहारनपुर के बिलासपुर गांव में आवारा कुत्तों ने 7 साल के मासूम बच्चे को निशाना बनाया। आवारा कुत्तों के हमले से मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। सात साल का बेटा कान्हा अपने घर के पीछे खेत में खेल रहा था। तभी खेत में आवारा कुत्तों का झुंड आ गया और उन्होंने बच्चे पर हमला बोल दिया।
सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आज जरूरत की खबर में बात आवारा कुत्तों के व्यवहार पर करेंगे और जानेंगे कि क्या इन्हें ट्रेंड कर ह्यूमन फ्रेंडली बनाया जा सकता है। साथ ही ये भी समझेंगे कि कैसे अपने गली-मुहल्लों के कुत्तों से खुद को बचा सकते हैं…
हमारे एक्सपर्ट्स हैं- ब्रीडर और डॉग बिहेवियर एक्सपर्ट फैज मोहम्मद खान और विनायक एनिमल बर्ड एसोसिएशन की सदस्य प्रियांशु जैन और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सचिन नायक।
सवाल: क्या स्ट्रीट डॉग्स के हिंसक होने की वजह हम इंसान है?
जवाब: हां, काफी हद तक हम इंसानों की वजह से वे हिंसक हुए है। नगर निगम उनकी जनसंख्या रोकने के काम में असफल है।
वहीं उन्हें खाना भी सही तरह से नहीं मिल पा रहा है। आजकल घरों का वेस्ट मैनजमेंट कूड़ा वाली गाड़ियों में सूखा और गीला कचरा के तौर पर डाला जाता है।
जिसकी वजह से उन्हें भरपूर मात्रा में खाना नहीं मिल पाता है। पहले लोग सड़कों पर डाल देते थे, जिससे उन्हें खाना मिल जाता था। हालांकि वो भी तरीका सही नहीं है।
इसी तरह पहले के दिनों में धर्म में विश्वास रखने वाले लोग खाना बनाते वक्त गाय, कुत्ता और कौए के लिए रोटी निकालते थे। जिससे धर्म की आड़ में ही सही, पर इलाके के कुत्तों को रोज रोटी मिल जाती थी। लेकिन अब धीरे-धीरे व्यस्तता और बदलती जीवनशैली की वजह से ये भी डेली मुमकिन नहीं हो पाता है।
कुत्ते का स्वभाव बदलने पर पढ़ें रिसर्च
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता ने कुत्तों का स्वभाव बदलने पर रिसर्च की है। रिसर्चर अनिंदिता भद्रा कहती हैं- कुत्तों का स्वभाव स्थान, समय और परिस्थिति के हिसाब से बदल जाता है।
रिसर्च में आवारा और पालतू कुत्ते दोनों को शामिल किया गया। इसमें कई पहलू निकलकर सामने आए हैं। आवारा कुत्तों की तुलना में पालतू कुत्तों की परवरिश अलग तरह से होती है, जिसका असर उनके स्वभाव पर भी दिखाई देता है।
अनिंदिता के मुताबिक सड़क के कुत्तों का सामना हर दिन कई इंसानों और जानवरों से होता है। आमतौर पर कुत्ते अपने इलाकों में रहते हैं। वे अपने आसपास रहने वाले इंसानों से पहचान बना लेते हैं। जिन कुत्तों को आप खाना देते हों, प्यार भरा व्यवहार करते हों, वे आपको देखकर पूंछ हिलाने लगते हैं।
कुछ दिनों बाद भी आप उससे मिलेंगे तो वह आपको पहचान जाएंगे। वहीं जिन कुत्तों को प्रॉपर खाना नहीं मिलता, वो घूरते हैं। जिन इलाकों में कुत्ते ज्यादा होते हैं और खाना कम मिलता है तो वे आक्रामक ज्यादा हो जाते हैं।