बिहार में आखिरकार हुआ वहीं जिसकी पटकथा कुछ दिन पहले ही लिखी जा चुकी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. लेकिन इस बार उनके साथी बदल गए. RJD की जगह BJP और जीतनराम मांझी की पार्टी उनके साथ आ गई. नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
लेकिन इससे पहले नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ने के लिए मौजूदा हालात को जिम्मेदार ठहराया. ये बात उन्होंने तब कही जब आज सुबह राजभवन जाकर उन्होंने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके साथ ही बिहार में महागठबंधन की सरकार गिर गई. इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सबकी राय लेने के बाद फैसला लिया गया है.
17 महीने की सरकार का अंत
नीतीश के इस्तीफा सौंपने से पहले सीएम आवास पर JDU विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सभी विधायकों को NDA में वापसी के बारे में सूचित किया गया. इसी के साथ 17 महीने की महागठबंधन सरकार का अंत हो गया.
अलायंस पर भी उठाए सवाल
नीतीश कुमार ने सिर्फ बिहार में ही महागठबंधन पर निशाना नहीं साधा बल्कि I.N.D.I.A. गठबंधन पर भी सवाल खड़े किए…और जमकर अपनी टीस निकाली. नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि I.N.D.I.A. गठबंधन में सबकुछ बहुत धीरे धीरे हो रहा था. दरअसल, नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. गठबंधन का शिल्पकार माना जाता है, लेकिन गठबंधन में ज्यादा तवज्जो ना मिलने की वजह से वो काफी नाराज चल रहे थे.
वहीं पिछले कई दिनों से तेजस्वी यादव ने चुप्पी साध रखी थी लेकिन आज महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद वो पहली बार मीडिया के सामने आए..उन्होंने नीतीश को निशाने पर लिया. और पिछले 17 महीनों के महागठबंधन सरकार में किए गए कामों को गिनाते हुए उसका क्रेडिट भी लिया.
मुक्ति मिल गई: नीतीश कुमार
वहीं शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने राजभवन के बाहर कहा कि हमारे अलावा 8 लोगों ने शपथ ली. विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री रहेंगे. नीतीश ने तेजस्वी के बयान पर कहा, हम बिहार के हित के लिए हम काम करते हैं. इसी में हम लगे रहेंगे. सबको एकजुट करके काम करेंगे. हम जहां थे फिर वहीं आ गये. अब इधर-उधर जाने का सवाल नहीं है. तेजस्वी की पार्टी आरजेडी पर नीतीश ने कहा कि वो लोग कुछ कर नहीं रहे थे, अब मुक्ति मिल गई.