संगम स्नान करने के लिए महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का सर्वाधिक दबाव रेलवे स्टेशनों पर है। मेला क्षेत्र के आठ स्टेशनों में सबसे ज्यादा भीड़ जंक्शन पर हो रही है। भीड़ इतनी की मेले में एनाउंस कराना पड़ रहा है कि वहां काफी भीड़ है अभी जंक्शन पर न जाएं।

महाकुंभ के मौके पर रेलवे में इस बार रिकॉर्ड संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं। यह पहला मौका है कि महाकुंभ के अवसर पर सिर्फ ट्रेनों से ही सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तीन करोड़ के पार हो चुकी है। अभी महाकुंभ 26 फरवरी तक है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों का आंकड़ा चार करोड़ को पार कर सकता है।
महाकुंभ के मौके पर रेलवे प्रशासन ने इस बार 13 हजार रूटीन और स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की योजना बनाई, लेकिन भीड़ का आलम यह है कि 18 फरवरी तक ही 13 हजार से ज्यादा रूटीन और स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही प्रयागराज और शहर के अन्य रेलवे स्टेशनों से हो चुकी है। जिस हिसाब से यहां यात्रियों की आवाजाही हो रही है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि महाशिवरात्रि के पहले ही कुल संचालित ट्रेनों की संख्या 14 हजार के आंकड़े को आसानी से पार कर जाएगी।
बड़ी संख्या में चलाई जा रहीं स्पेशल ट्रेनें
सोमवार 17 फरवरी की ही बात करें तो प्रयागराज जंक्शन समेत शहर के आठ रेलवे स्टेशनों से कुल 362 ट्रेनों का आवागमन हुआ। इसमें 182 स्पेशल और 170 रूटीन की ट्रेनें रही। इससे 18.60 लाख यात्रियों की आवाजाही हुई। वहीं मंगलवार की शाम छह बजे तक 201 ट्रेनें संचालित की जा चुकी थीं। इसमें 103 स्पेशल और 98 रूटीन की ट्रेनें शामिल रहीं। उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी का कहना है कि यात्री सुविधा के लिए इस बार रिकार्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है। उन्होंने बताया कि13 जनवरी से 16 फरवरी तक ही 3.09 करोड़ यात्री ट्रेनों में सफर कर चुके हैं।
रातभर खूसरोबाग से ही जंक्शन भेजे जाते रहे यात्री, लागू रहा इमरजेंसी प्लान
बिना स्नान पर्व के भी प्रयागराज जंक्शन व शहर के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ी। आलम यह रहा कि मौनी अमावस्या के बाद पहली बार खुसरोबाग आश्रयस्थल रातभर खुला रहा। इसी के माध्यम से लोगों को जंक्शन भेजा गया। इस बीच रेलवे का इमरजेंसी प्लान सोमवार को भी लागू रहा। सभी स्टेशनों से ऑन डिमांड ट्रेनों का संचालन हुआ।
रात नौ बजे तक 308 ट्रेनों का संचालन किया जा चुका था। जंक्शन, छिवकी, नैनी, झूंसी में बहुत सी ट्रेनों के दरवाजे पर यात्री लटक कर रवाना हुए। कुछ स्पेशल की आपातकालीन खिड़की से भी यात्री कोच के अंदर घुसे। वहीं, रूटीन ट्रेनों के आरक्षित कोच के शौचालय में भी यात्री सवार हो गए। रेलवे ने सोमवार को जो ट्रेनें चलाईं, उसमें 118 स्पेशल व 158 नियमित रहीं।
सर्वाधिक भीड़ प्रयागराज जंक्शन पर
माघी पूर्णिमा का स्नान होने के बाद पड़े पहले वीकेंड में उम्मीद से ज्यादा भीड़ तमाम ट्रेनों से प्रयागराज पहुंची। इससे रेलवे को इमरजेंसी प्लान लागू करना पड़ा। शहर के सभी स्टेशनों में से सर्वाधिक भीड़ प्रयागराज जंक्शन ही पहुंच रही है। इससे जंक्शन पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से खुसरोबाग आश्रयस्थल का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है।
दो दिन से लगातार इसी आश्रयस्थल से श्रद्धालुओं को जंक्शन भेजा जा रहा है। संगम से जानसेनगंज आने के बाद श्रद्धालु चौक, नखास कोहना, खुल्दाबाद होते हुए खुसरोबाग में भेजे जा रहे हैं। हालांकि, इस डायवर्जन से यात्रियों को भी परेशानी हुई। बिहार के डेहरी ऑन सोन से संगम स्नान के बाद खुसरोबाग पहुंचीं नीलम और उनके पति हरीश पासवान ने बताया कि उन्हें आज काफी चलना पड़ा। कोसी मथुरा के डोरी लाल शर्मा ने कहा कि उनके पैरों में अब जान नहीं बची है। कहा कि तेज धूप से भी काफी दिक्कत हुई।