दिल्ली के कंझावला में हुए अंजलि एक्सीडेंट केस के आरोपियों पर हत्या की धारा लगाई जाएगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को इस केस में 302 की धारा जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही पुलिस की 3 PCR वैन और 2 पिकेट में ड्यूटी पर तैनात 11 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।
मंत्रालय ने दिल्ली के DCP हरेंद्र कुमार को जांच में ढील बरतने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है। बता दें कि हरेंद्र कुमार ने कहा था कि यह मामला हत्या नहीं, बल्कि हादसे का है।
दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह ने गृह मंत्रालय को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद मंत्रालय ने पुलिस को यह निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हादसा नहीं, हत्या है। आरोपियों को पता था कि कार के नीचे कोई फंसा है, इसके बाद भी उन्होंने कार नहीं रोकी।
पुलिस को मिली आरोपियों की ब्लड रिपोर्ट
कंझावाला मामले में रोहिणी की फॉरेंसिक लैब ने आरोपियों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। इस रिपोर्ट से साफ होगा कि घटना की रात आरोपियों ने शराब पी थी या नहीं। फॉरेंसिक लैब ने क्राइम सीन की रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी है। आज शाम को लैब विक्टिम अंजलि की आंतों की रिपोर्ट पुलिस को सौंप देगी।
आरोपियों को पता था- अंजलि नीचे फंसी है
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने भी माना था कि गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की बात उन्हें मालूम थी। आरोपियों ने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने ये भी माना है कि गाड़ी में तेज म्यूजिक चलने वाली कहानी झूठी थी।
निधि 8 महीने से आगरा तारीख पर नहीं गई
निधि को लेकर आगरा में उसके वकील वकील मो. आसिफ आजाद ने बताया कि निधि पिछले 8 महीने से गांजा तस्करी के केस में कोर्ट में पेश नहीं हुई। सिर्फ यही नहीं, निधि ने वकील से संपर्क भी नहीं किया। निधि को आगरा में गांजा तस्करी में GRP ने पकड़ा था।
दिल्ली हादसे की जानकारी मिलते ही GRP ने अपने रिकॉर्ड खंगाले। पता चला कि 6 दिसंबर 2020 को आगरा कैंट स्टेशन पर निधि को पकड़ा गया था। वहां से उसे जेल भेजा गया था। हादसे के वक्त अंजलि के साथ निधि भी स्कूटी पर सवार थी।