उत्तराखंड के हल्द्वानी हिंसा में मास्टरमाइंड माने जा रहे अब्दुल मलिक पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. वह मास्टरमाइंड, जिसने मजहब की आड़ में सरकारी जमीन कब्जाने की साजिश रची और उसे पूरा करने के लिए पूरे शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया. अपने लालच को पूरा करने के लिए उसने 6 लोगों की जिंदगी खत्म करवा दी. सूत्रों के मुताबिक अब्दुल मलिक जमीनों की खरीद फरोख्त में भी शामिल रहता है. प्रशासन उस पर अब एनएसए के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है.
कौन है हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक?
हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके के मालिक के बगीचे में सरकारी जमीन पर मस्जिद और मदरसा बना है. इन दोनों को अब्दुल मलिक ने बनवाया है. पड़ोसियों का कहना है कि इसके लिए अब्दुल ने किसी से जमीन खरीदी थी और उस पर मदरसा- मस्जिद का निर्माण किया. जबकि नजूल की सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त हो ही नहीं सकती. सूत्रों के मुताबिक इसकी शिकायत मिलने पर हल्द्वानी नगर निगम ने अब्दुल मलिक को नोटिस दोनों अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया था. साथ ही चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर वह नजूल भूमि कानून 2009 और 2021 के साथ साथ नगर निगम अधिनियम 1959 के प्रावधानों का इस्तेमाल करके अवैध कब्जे हटा देगी.
मजहब विशेष के लोगों ने गाड़ियों में लगाई आग
नगर निगम के नोटिस पर अमल करने के बजाय अब्दुल मलिक ने दबाव बनाने की रणनीति अपनाई. वह मुस्लिम समुदाय के काफी लोगों को साथ लेकर नगर निगम के दफ्तर पहुंचा और ध्वस्तीकरण का नोटिस वापस लेने की मांग की. साथ ही निगम की कार्रवाई होने पर शहर में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका जताकर इशारे में धमकी भी दे दी. हालांकि इससे निगम के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. वह पुलिस टीम और जेसीबी साथ में लेकर कार्रवाई के लिए बनभूलपुरा इलाकेमें पहुंची. इससे नाराज मजहब विशेष के लोगों ने पहले प्रदर्शन किया और फिर अचानक पथराव- आगजनी शुरू कर दी.
शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक चली हिंसा
हिंसा का यह दौर गुरुवार शाम 4 बजे से शुरू होकर रात 11 बजे तक चला. इसमें पेट्रोल बम और पत्थरों का इस्तेमाल हुआ. साथ ही बनभूलपुरा थाने को भी आग लगा दी गई. उपद्रवी आम लोगों की गाड़ियों को जलाने से भी बाज नहीं आए. इसके साथ ही घटना की कवरेज करने आए पत्रकारों पर भी जमकर पथराव कर घायल कर दिया गया. साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को घेरकर उन पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके गए. पुलिस के पलटवार से बचने के लिए दंगाइयों ने बुर्काधारी महिलाओं को आगे कर दिया, जिससे पुलिस तुरंत दंगाइयों पर एक्शन नहीं ले सकी. इसके बाद से अब्दुल मलिक फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
घायलों से मिलने पहुंचे सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वनभूलपुरा में हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए हल्द्वानी पहुंचे. सीएम ने हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों और पत्रकारों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनकी चोटों के बारे में पूछा और जल्दी स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने आश्वासन दिया कि हिंसा में शामिल दंगाइयों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी.
‘देवभूमि में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ’
बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम धामी ने कहा, ‘ये कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा था. कल जब सरकारी टीम अतिक्रमण हटाने गई थी तो पूरे सुनियोजित तरीके से हमला किया गया. महिला पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ, उन्हें पीटा गया. जितना खराब कहा जाए, उतना कम है. देव भूमि में ऐसा कभी नहीं हुआ. देव भूमि की फिजा को खराब करने की कोशिश की गई है.’
‘पत्रकारों को आग में झोंकने का प्रयास’
उन्होंने कहा, ‘कई पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और आम लोगों को जान से भी मारने की कोशिश की गई. कुछ पत्रकारों को आग में झोंकने का प्रयास किया गया. जिन्होंने भी ये गलत काम किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. इस मामले में प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. जो भी कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी.’ उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मारपीट का सामान इकट्ठा किया गया, वो जांच का विषय है.
‘दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे’
बाद में सीएम धामी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके सरकार के फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘दंगाइयों और उपद्रवियों के विरुद्ध करेंगे कठोरतम कार्रवाई. हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना के संबंध में शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की.’
‘की जा रही है एक-एक दंगाई की पहचान’
सीएम धामी ने लिखा, ‘पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. आगजनी पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है, सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा. हल्द्वानी की सम्मानित जनता से अनुरोध है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें.’
मामले की हाईकोर्ट जज से कराई जाए जांच- कांग्रेस
हल्द्वानी में हुई इस हिंसा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रेस वार्ता करके धामी सरकार पर निशाना साधा. माहरा ने कहा, ‘हल्द्वानी मामले में प्रशासन की भूमिका संदिग्ध रही है. LIU, इंटेलिजेंस पूरी तरह हुई फेल साबित हुई हैं. पूरी घटना में एक अधिकारी की भूमिका भड़काने वाली रही है. आखिर शाम में यह एक्शन करने की क्या जरूरत थी. प्रशासन की पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं थी. इस मामले में मॉर्डन तकनीक का इस्तेमाल क्यों नही किया गया.’
कांग्रेस नेता ने मांग की कि प्रशासन की तैयारियों में हुई चूक की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराई जाए. साथ ही कहा कि कौमी दंगों से कभी हमें फायदा बल्कि नुकसान ही होता है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों को विश्वास में नही लिया गया. जो लोग घायल हुए हैं और जिन्हें नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जानी चाहिए. उन्होंने ऐलान किया कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सीएम धामी से मिलेगा.
पहुंचाया जा रहा इबादतगाहों को नुकसान- मदनी
उधर इस मामले में जमीयत नेता मौलाना महमूद मदनी भी अपनी राजनीतिक करने से बाज नहीं आए. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उत्तराखंड में बार-बार मुसलमानों के इबादतगाहों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. मदनी ने अपने पत्र में लिखा, ‘उत्तराखंड राज्य में लगातार धार्मिक स्थलों को प्रशासन और अराजक तत्वों द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है. ऐसे संवेदनशील मुद्दों को संबोधित करते समय स्थानीय समुदाय की भावनाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है. भारत जैसे बहुलवादी समाज में धार्मिक स्थलों का विध्वंस हमेशा गहरी संवेदनशीलता का विषय रहा है. मैं आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि भविष्य में धार्मिक स्थलों के खिलाफ विध्वंस की कार्रवाई की घटनाओं में स्थानीय प्रशासन प्रभावित समुदाय से जुड़ने और उनका विश्वास हासिल करने के लिए सक्रिय कदम उठाए.’