कोविड-19 महामारी से पहले, भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी। हालांकि, महामारी का इस पर गंभीर प्रभाव पड़ा। फिर भी आज, भारत की इकोनॉमी लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। कोविड-19 के बाद भारत के जॉब और एम्प्लॉयमेंट के रुझानों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
ये तो सभी महसूस कर रहे हैं कि निश्चित नौकरी और रेगुलर ग्रोथ अब बहुत कम प्रतिशत प्रोफेशनल्स को ही मिल पा रही है। रातों-रात कम्पनियों की पालिसी बदल जाती है, और ले-ऑफ (नौकरी से बर्खास्तगी) हो जाती है। ऐसे में सिक्योरिटी कैसे तलाशें?
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आइए जानते हैं भारत के अगले एक साल तक रहने वाले कुछ जॉब ट्रेंड्स के बारे में।
1) लेस इज मोर (Less is More)
इस बदलाव भरे माहौल में कंपनियों में सबसे अधिक जरूरत उन लोगों की रहने वाली है जो 4 स्किल्स एक साथ लेकर चलते हैं – (a) टेक्निकल नॉलेज, (b) मैनेजमेंट स्किल्स, (c) कम्युनिकेशन और (d) कोऑर्डिनेशन स्किल्स, और इनके बलबूते पर कम प्रयासों में अधिक रिजल्ट देने में कामयाब होते हैं।
उदाहरण के लिए ‘डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर’ के पद को लीजिए जो सोशल मीडिया, ईमेल और सर्च इंजन जैसे विभिन्न डिजिटल चैनलों के माध्यम से कंपनियों को अपने टारगेट ऑडियंस तक ऑनलाइन पहुंचने और उन्हें जोड़ने में मदद करते हैं।
वे डेटा का विश्लेषण कर सबसे प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियों की पहचान करके, परिणामों को अधिकतम करने में मदद करते हैं।
ऐसे अन्य पद हैं ऑपरेशंस एनालिस्ट, कस्टमर सक्सेस मैनेजर (ग्राहकों को बनाए रखने में मदद करते हैं), बिजनेस एनालिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर आदि।
जैसा ऊपर बताया है इन पदों के लिए डाटा एनालिसिस का टेक्निकल नॉलेज, मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन और कोऑर्डिनेशन स्किल्स की आवश्यकता होती है। यदि आप इस बात को समझ लें, और अपनी बाउंड्री को एक्सपैंड कर लें, तो फायदा होगा।
2) ई-कॉमर्स और IT (Ecommerce and IT)
कोविड-19 ने ई-कॉमर्स और डिजिटल तकनीकों के विकास को गति दी है। अब लोग फिल्म देखने से लेकर कपड़े खरीदने और राशन मांगने तक ऑनलाइन जा रहे हैं। इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है, जिससे ई-कॉमर्स, IT और संबंधित क्षेत्रों में प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी।
इस क्षेत्र में वेबसाइट डेवलपर्स, प्रोग्रामर्स के ट्रेडिशनल पदों के अलावा यूजर एक्सपीरिएंस राइटर, सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, एजुकेटर्स और ट्रेनर्स, कंटेंट स्पेशलिस्ट, कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट आदि पदों पर लोगों की आवश्यकता होगी।
इस क्षेत्र में कुछ नए कार्यों जैसे ड्रोन पायलटिंग, ड्रोन फोटोग्राफी, ड्रोन मैपिंग, कॉपी राइटर्स आदि का आना रोचक है।
IT में प्लग-एंड-प्ले सॉफ्टवेयर आने के बाद अब अनेकों कंपनियां उतने प्रोफेशनल हायर नहीं कर रहीं, जितने वो करती थीं।
3) हेल्थ केयर (Healthcare)महामारी के बाद लोगों में हेल्थ को लेकर अवेयरनेस बढ़ी है इसलिए हेल्थ प्रोफेशनल्स (जैसे फिजियोथेरेपिस्ट, डेंटिस्ट, दूसरे डॉक्टर्स) मेडिकल रिसर्चर्स और दवा कंपनियों में स्टाफ आदि की मांग बढ़ने की संभावना है। भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य बनता जा रहा है, जो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।