सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अंतरिम उपाय के तौर पर गायक टी.एम.कृष्णा को एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अंतरिम उपाय के तौर पर कर्नाटिक गायक टी.एम.कृष्णा को एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता न दी जाए। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एस.वी.एन.भट्टी की बेंच ने यह आदेश सुब्बुलक्ष्मी के पोते वी. श्रीनिवासन की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कृष्णा ने दिवंगत गायिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं।
बेंच ने कहा, संगीत प्रेमियों के बीच एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी की जो प्रतिष्ठा है, उस पर कोर्ट ध्यान दे रहा है। वह एक महान गायिका थीं और दिसंबर 2004 में उनका निधन होने के बावजूद उनकी मधुर आवाज आज भी उनके प्रशंसकों में उत्साह भर देती है। शीर्ष कोर्ट ने कहा, पुरस्कार पहले ही दिए जा चुके हैं, इसलिए हम एक अंतरिम उपाय के रूप में यह कहते हैं कि टी.एम. कृष्णा को एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार का प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता न दी जाए।