बांग्लादेश के भीतर मची सियासी उथल-पुथल के बीच एक बार फिर से पाकिस्तान का जिक्र जमकर होने लगा है। दरअसल, रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में इस वक्त जो हालात बने हैं उसमें मुख्य कारण तो आरक्षण का अंदरूनी मामला ही है, लेकिन जिस तरीके से बांग्लादेश में लगातार हालात बदहाल होते रहे उसमें पाकिस्तान के हाथ होने की पूरी संभावना नजर आ रही है।
बांग्लादेश में सोमवार को पूरी तरीके से हालात बदहाल हो गए। इस मुल्क की ऐसी सियासी बदहाली के पीछे पूरी स्क्रिप्ट पाकिस्तान और आईएसआई की ओर से कई साल पहले ही लिखने की सुगबुगाहट थी। विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान ने न सिर्फ आंदोलन करने वाले संगठनों को भड़काने का काम किया। बल्कि कोविड के दौरान पाकिस्तान में बांग्लादेश की धरती से अपने पड़ोसी मुल्कों को निशाने पर लेने के लिए ऐसी पटकथा लिखी। जिससे बांग्लादेश की धरती पर धीरे-धीरे सोमवार को हुए विद्रोह की पूरी जमीन तैयार होने लगी। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने ही बांग्लादेश से भारत के खिलाफ मालदीव की तर्ज पर “इंडिया आउट” अभियान का पूरा टास्क स्थानीय राजनीतिक पार्टियों और संगठनों को दिया था।
बांग्लादेश के भीतर मची सियासी उथल-पुथल के बीच एक बार फिर से पाकिस्तान का जिक्र जमकर होने लगा है। दरअसल रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में इस वक्त जो हालात बने हैं उसमें मुख्य कारण तो आरक्षण का अंदरूनी मामला ही है। लेकिन जिस तरीके से बांग्लादेश में लगातार हालात बदहाल होते रहे उसमें पाकिस्तान के हाथ होने की पूरी संभावना नजर आ रही है। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल गुरविंदर सिंह संधू कहते हैं कि पाकिस्तान लगातार बांग्लादेश के अंदरूनी मामलों में शुरुआत से दखल देता आया था। उनका कहना है कि चर्चा तो बांग्लादेश के भीतर इस बात की भी हो रही है कि आईएसआई ने बांग्लादेश में यहां के प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी को खुलकर समर्थन दिया है। क्योंकि इसी संगठन से ताल्लुक रखने वाले संगठन और उनकी अन्य शाखाओं ने आरक्षण के मामले में बांग्लादेश के भीतर जमकर बवाल किया है। संधू कहते हैं कि फिलहाल जिस तरीके के हालात बने हुए थे और पाकिस्तान प्रतिबंधित संगठनों को शह दे रहा था, उससे यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि बांग्लादेश के हालात बिगड़ने में पाकिस्तान में अपनी बड़ी भूमिका अदा की है।
विदेशी मामलों के जानकार और भारत के प्रमुख खुफिया एजेंसी से ताल्लुक रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि पाकिस्तान अपनी खुफिया एजेंसी आईएसआई के माध्यम से बांग्लादेश में माहौल बिगड़ने की कोशिश में अक्सर लगा रहता था। वह बताते हैं कि कोविड के दौरान बांग्लादेश में पाकिस्तान की ओर से यहां की स्थानीय पार्टी बीएनपी को पड़ोसी मुल्कों के साथ न सिर्फ माहौल खराब करने का एक बड़ा टास्क दिया गया। बल्कि पूरी योजना के साथ तत्कालीन सरकार को अस्थिर करने की भी पूरी रूपरेखा तैयार की गई। हालांकि उस दौरान चीन की ओर से बांग्लादेश में किए गए निवेश के चलते पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को तत्कालीन शेख हसीना की सरकार को अस्थिर करने की बड़ी प्लानिंग तो रोक दी गई। लेकिन पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते खराब करने की पूरी पटकथा पाकिस्तान में रच दी। पाकिस्तान में लगातार निवेश के चलते वहां की सरकार और सेना पर चीन का मजबूत दबाव है। क्योंकि चीन बांग्लादेश में भी उसी तरह का बड़ा निवेश कर रहा था। इसलिए पाकिस्तान के ऊपर बांग्लादेश में माहौल न बिगड़ने का बड़ा दबाव बताया जा रहा था।
विदेशी मामलों के जानकार और पूर्व राजनीतिक डॉ. एसएल सब्बरवाल कहते हैं कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि पाकिस्तान कि पाकिस्तान बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए न सिर्फ अपने पूरे तंत्र का इस्तेमाल कर रहा था। बल्कि वह तत्कालीन सरकार को अंदरूनी तौर पर डिस्टर्ब करके पाकिस्तान को समर्थन करने वाली राजनीतिक पार्टी और संगठनों को उकसाता था। उनका कहना है कि यही वजह है कि भारत जैसे मजबूत दोस्त के खिलाफ भी बांग्लादेश के भीतर मालदीव की तर्ज पर “इंडिया आउट” अभियान शुरू कर दिया गया था। इस अभियान के पीछे पूरी साजिश पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की ही थी। सब्बरवाल कहते हैं कि शेख हसीना की सरकार के दौरान सीधे तौर पर तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिशें तो उतनी नहीं पनप पा रही थी। लेकिन अंदर खाने सांप्रदायिक ताकतों को भड़काने के लिए जो स्थानीय संगठन थे उनको पूरा खाद पानी दिया जा रहा था।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में मालदीव की तरह इंडिया आउट अभियान को जो हवा दी गई थी वह पाकिस्तान की शह पर ही चली थी। ऐसा इसलिए किया जा रहा था कि पड़ोसी मुल्कों के साथ बांग्लादेश के रिश्ते सोमवार को हुई बड़ी राजनीतिक बड़ी घटना के दौरान बिगड़े मिले। इसके लिए बाकायदा पाकिस्तान ने बांग्लादेश में इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए वहां की विपक्षी पार्टी बीएनपी से जुड़े समर्थको और उनके कार्यकर्ताओ को आगे किया था। बांग्लादेश के रिश्ते पड़ोसी मुल्कों से साजिशन बिगाड़ने के पीछे पूरी स्क्रिप्ट पाकिस्तान की रची हुई थी। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 28 अगस्त 2016 को रात 10 बजकर 40 मिनट पर कश्मीर में माहौल खराब करने के लिए जिस नेटवर्क और आतंकी संगठनों का इस्तेमाल किया गया था। उनको ही बांग्लादेश में भारत के खिलाफ इंडिया आउट जैसे अभियान के साथ बड़ा टास्क दिया गया। ताकि भारत जैसे मजबूत रिश्तों वाले पड़ोसी देश के साथ बांग्लादेश के रिश्तों में दरार पड़ सके। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवक्ता अभिषेक प्रताप सिंह कहते हैं कि अब जो हालात बांग्लादेश में दिख रहे हैं उससे वह सभी कड़ियां जुड़ती हुई नजर आ रही है। जो पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान की शह पर किसी बड़े आंदोलन के तौर पर उग्रता की ओर बढ़ रही थी। उनका कहना है कि बांग्लादेश में मचे सियासी संकट पर भारत सरकार की बहुत बारीक नजर बनी हुई है।