पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने पंजाब और दिल्ली के तीन नेताओं के मर्डर की साजिश रची। इनमें दो हिंदू और एक सिख नेता हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में स्लीपर सेल एक्टिव किया। जहांगीरपुरी के भलस्वा डेयरी इलाके में नौशाद और जगजीत ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली। हालांकि पाकिस्तानी आकाओं को शक था कि ये दोनों और इनके साथी कत्ल कर पाएंगे या नहीं।
नौशाद और जगजीत ने अपनी काबिलियत साबित करने के लिए एक हिंदू लड़के को पकड़ा और गला काटकर उसकी हत्या की। फिर लाश को चार टुकड़ों में काटकर पास के नाले में फेंक दिया। हत्या करते हुए वीडियो बनाया और सिग्नल ऐप के जरिए उसे पाकिस्तान भेजा। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन दोनों आतंकियों को 12 जनवरी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों ने कई खुलासे किए हैं
स्लीपर सेल मॉड्यूल में 8 लोग एक्टिव, 4 आतंकियों की तलाश जारी
नौशाद और जगजीत तक ड्रॉप-डेड मेथड के जरिए पाकिस्तान से हथियार भेजे गए थे। इस मेथड में सीक्रेट लोकेशन पर कोई चीज रख दी जाती है और दूसरा व्यक्ति उसे रिसीव करता है। नौशाद पाकिस्तान में मौजूद हैंडलर के संपर्क में था। पाकिस्तान से ही सिग्नल ऐप पर हथियारों की लोकेशन गूगल मैप के जरिए शेयर की गई।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक इस मॉड्यूल में 8 लोगों के शामिल होने का शक है। नौशाद और जगजीत पकड़े गए हैं। 2 हैंडलर हैं, जिनमें से एक पाकिस्तान में और एक कनाडा में है। 4 अभी भी भारत में बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। इनमें से 2 आतंकियों का इस्तेमाल हथियारों का इंतजाम करने के लिए किया गया। बाकी 2 को हैंडलर की बताई लोकेशन तक हथियार पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
खुद को काबिल साबित करने के लिए हिंदू युवक का मर्डर किया
छानबीन में सामने आया है कि पाकिस्तानी आकाओं को नौशाद और जगजीत पर शक था। काबिलियत साबित करने के लिए इन दोनों ने दिसंबर 2022 में एक हिंदू युवक की हत्या की थी। पुलिस के मुताबिक इनके मोबाइल में 37 सेकेंड का एक वीडियो मिला है। इसमें एक शख्स का गला काटकर हत्या करते दो लोग नजर आ रहे हैं। ये वीडियो नौशाद और जगजीत ने हैंडलर्स को भेजा है। इसके बाद इन्हें पाकिस्तान से हवाला के जरिए पैसे भी भेजे गए थे।
पूछताछ में ये जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने छानबीन की। शनिवार, 14 जनवरी को भलस्वा डेयरी इलाके के एक नाले से कथित तौर पर इस युवक की लाश के कई टुकड़े मिले थे। मारे गए युवक की पहचान हो गई है, लेकिन पुलिस ने जाहिर नहीं किया है। बताया गया है कि युवक इलाके में ही कचरा बीनने का काम करता था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘अभी शव के कुछ हिस्से नहीं मिले हैं। हाथ पर त्रिशूल के निशान के आधार पर मरने वाले की पहचान की गई है। DNA और फोरेंसिक रिपोर्ट आनी बाकी हैं। आतंकियों के कमरे से खून के निशान मिले हैं, इसे नाले से मिले शव के DNA से मैच कराया जा रहा है।’
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने युवक को सिर्फ हिंदू होने की वजह से ही हत्या के लिए चुना था। हत्या के पीछे कोई और वजह थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। अब तक छानबीन में यही सामने आया है कि पाकिस्तान वीडियो भेजने के लिए उसे मारा गया।
पकड़े गए दोनों आतंकियों के खिलाफ पहले से केस दर्ज
गिरफ्तार किए गए नौशाद और जगजीत पर हत्या समेत कई केस दर्ज हैं। 4 दिन की पूछताछ में दोनों ने बताया है कि तीन नेताओं को मारने के बदले उन्हें कुल 3 करोड़ रुपए मिलने थे। पहली हत्या पर 50 लाख, दूसरी पर 1 करोड़ और तीसरी पर 1.5 करोड़ रुपए मिलने वाले थे।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली-पंजाब में जिन नेताओं को टारगेट किया जाना था वो बजरंग दल, शिवसेना और कांग्रेस से जुड़े हैं। ये कांग्रेस नेता खालिस्तान के खिलाफ काफी मुखर रहते हैं। दोनों आतंकी पंजाब में उनकी रेकी भी कर चुके थे।
दैनिक भास्कर के पास तीनों नेताओं के नाम हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें बताया नहीं जा रहा है। इन आतंकियों का मकसद पंजाब में राजनीतिक हत्याएं करके सरकार अस्थिर करना था। ये लोग 27 और 31 जनवरी को नेताओं को मारने वाले थे।
हवाला से 6 लाख मिले, जग्गा का कनेक्शन खालिस्तान से
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आतंकियों के निशाने पर ‘राइट विंग लीडर्स’ थे, सिर्फ कांग्रेस नेता को खालिस्तान विरोधी होने के चलते मारने का प्लान बनाया गया था। पुलिस ने हवाला के जरिए इन आतंकियों को मिले फंड को भी ट्रेस किया है। अब तक इन्हें 6 लाख रुपए अलग-अलग हवाला रूट से मिलने की पुष्टि हुई है। ये पैसा नौशाद के पास आया। कुछ पैसा बिहार के रास्ते भी आया।
पुलिस के मुताबिक नौशाद और जगजीत अलग-अलग मामलों में हल्द्वानी जेल में बंद थे, यहीं इनकी जान-पहचान हुई। बाद में ये दोनों गैंगस्टर जगदीप बंबीहा ग्रुप के लोगों के संपर्क में आए। यहीं से जगजीत सिंह की पहचान खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला से हुई थी। अर्शदीप खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा है। जग्गा पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया था।
नौशाद का हैंडलर पाकिस्तान में, आतंकी संगठन हरकत उल अंसार का मेंबर
नौशाद को पाकिस्तान से हैंडल किया जा रहा था। पूछताछ में उसने बार-बार अपने हैंडलर के अलग-अलग नाम बताए हैं। सूत्रों के मुताबिक, नौशाद का हैंडलर हैदर नाम का शख्स हो सकता है। नौशाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार से जुड़ा है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में एक्टिव है। हालांकि उसका हैंडलर हैदर लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन से जुड़ा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जगजीत का हैंडलर कनाडा में बताया जा रहा है। अर्शदीप ने जगजीत को ‘लो प्रोफाइल रहने और किसी से भी संपर्क ना करने’ का आदेश भी दिया था।
नौशाद हत्या के दो मामलों में उम्रकैद और एक्सप्लोसिव एक्ट के एक मामले में 10 साल की सजा काट चुका है। जहांगीरपुरी में छानबीन में सामने आया है कि इन दोनों ने पिछले साल दिवाली के दौरान किराए पर घर लिया था। इन्होंने मकान मालिक से कहा था कि उनका अपना घर बन रहा है, ये उसके बनने तक यहां रहेंगे।
26 जनवरी की परेड हो सकती है निशाने पर
पुलिस को जगजीत और नौशाद के घर से तीन पिस्टल, 22 गोलियां और दो हैंड ग्रेनेड मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक हैंडलर्स ने दोनों से और ज्यादा घातक हथियार मुहैया कराने का वादा भी किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक रिपब्लिक-डे परेड भी इनके निशाने पर हो सकती है।
4 संदिग्ध आतंकियों की तलाश की जा रही है। हो सकता है कि इन्हें दिल्ली-पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी टारगेट किलिंग का जिम्मा दिया गया हो। नौशाद और जग्गा को शुक्रवार, 13 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से दोनों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
कश्मीर में सख्ती होने पर पाकिस्तान का फोकस पंजाब पर
ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी आतंकी संगठन और खालिस्तानी भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बीते नवंबर में भास्कर की एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में सामने आया था कि पंजाब में भारत विरोधी भावनाएं भड़काने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI है।