UN को संबोधित करने के बाद मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डिस्कशन एट काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशन्स में कई सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कनाडा के साथ तनाव के अलावा चीन, रूस और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। जयशंकर ने कहा कनाडा में अलगाववादी ताकतों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़ा अपराध पनप रहा है।
जयशंकर ने कहा- कनाडा में हमारे डिप्लोमैट्स को डराया-धमकाया जाता है, हमारे कॉन्सुलेट पर हमले होते हैं। इन सबको ये कहकर सही ठहरा दिया जाता है कि लोकतंत्र में यही होता है। यदि कोई ऐसी घटना है जो एक परेशानी का मुद्दा है और कोई मुझे एक सरकार के रूप में कुछ जानकारी देता है, तो मैं उस पर जरूर गौर करूंगा।
जयशंकर बोले- कनाडा को कई बार आतंकियों की जानकारी दी
जयशंकर ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कनाडा राजनीतिक कारणों से इन मामलों में बहुत ढिलाई दे रहा है। विदेश मंत्री ने बताया- भारत ने कनाडा को अपराधों और आतंकियों पर बहुत सारी जानकारी दी है और कई लोगों की प्रत्यपर्ण की भी रिक्वेस्ट की है।
हमने उन्हें कनाडा से ऑपरेट होने वाले संगठित अपराध और इसके लीडर्स के बारे में बहुत सारी जानकारी दी है। ऐसे कई आतंकियों के सरगना हैं, जिनकी पहचान की गई है। भारत पर निज्जर की हत्या के आरोपों को लेकर जयशंकर ने कहा- हमने कनाडा को बताया है कि ये भारत सरकार की पॉलिसी नहीं है।
जयशंकर बोले- कनाडा हमें आरोपों के सबूत दे
जयशंकर ने आगे कहा- फिर भी अगर उनके पास कुछ स्पेसिफिक है तो वो हमें बताएं। बिना पूरी जानकारी के कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। दरअसल, कनाडा ने निज्जर की हत्या के आरोपों को लेकर अब तक कोई सबूत नहीं दिखाए हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले PM ट्रूडो ने कहा था कि वो भारत से हफ्तों पहले सबूत साझा कर चुके हैं।
दूसरी तरफ, कनाडा के आरोपों के पीछे फाइव आइज अलायंस के इंटेलिजेंस शेयरिंग की रिपोर्ट पर विदेश मंत्री ने कहा- मैं इस अलायंस का हिस्सा नहीं हूं और न ही मैं FBI में हूं। आप गलत शख्स से सवाल पूछ रहे हैं।
दरअसल, फाइव आइज एक इंटेलिजेंस शेयरिंग अलायंस है, जिसमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। पिछले दिनों NYT ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की थी कि इस अलायंस ने निज्जर की मौत पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए साथ मिलकर काम किया था।