‘मैं जॉमेटो डिलीवरी बॉय हूं। 31 दिसंबर की रात करीब 2 बजे होंगे, मैं कंझावला वाले रोड से आ रहा था, मुझे अग्रसेन वाली रोड की तरफ फूड डिलीवरी करनी थी। अचानक पुलिस चौकी देखते ही एक कार तेजी से वापस मुड़ गई। मेरी बाइक उस कार से टकराते-टकराते बची।
मुझे कार के नीचे लड़की का सिर नजर आया, उसकी पूरी बॉडी कार के नीचे घिसट रही थी। मेरी तो जान ही निकल गई। पुलिस से बताया तो वो बोले- ‘जा तू अपना काम कर।’
कंझावला कांड के चश्मदीद गवाहों में विकास मेहरा के अलावा एक दूध बेचने वाला शख्स भी है, जिसने पूजा (बदला हुए नाम) को कार के नीचे घिसटते देखा था। विकास बताते हैं- ‘वो गाड़ी मुझसे भी टकराने वाली थी। कार मेरे पीछे थी और स्पीड बढ़ाकर मुझसे आगे निकल गई।’
गाड़ी में म्यूजिक नहीं बज रहा था, लड़की नीचे है, उन्हें पता क्यों नहीं चला
विकास आगे बताते हैं- ‘मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि लड़की गाड़ी के नीचे कैसे फंसी हुई थी। एक्सीडेंट होने के बाद भी अगर कोई गाड़ी में फंसे तो थोड़ी देर में निकल जाता है, लेकिन वो कैसे फंसी रही, समझ नहीं आ रहा। कोई रस्सी भी नहीं थी, जिससे वो लड़की बंधी हो।
कार में ड्राइवर सीट के बगल वाला शीशा आधा खुला हुआ था और गाड़ी में म्यूजिक नहीं बज रहा था। आखिर उन्हें कैसे नहीं पता था, लड़की गाड़ी के नीचे है।
मुझे लगा कि पुलिस वालों को बता दूं। पुलिस चौकी जाकर देखा, तो वहां कोई पुलिसवाला नहीं था। इसके बाद सेक्टर-24 की तरफ बाइक पर गश्त करते दो पुलिसवाले दिखे। मैंने उन्हें पूरी वारदात और मामले की गंभीरता के बारे में बताया। उन्होंने मुझसे कहा कि ‘तुझे तो ना लगी ना, तो जा यहां से। हम देख लेवेंगे, जा अपना काम कर।’
मेरे घरवाले डरे हुए हैं, उन्हें मेरी चिंता है
विकास ने बताया- ‘1 जनवरी की शाम को मुझे दोस्तों ने बताया कि दिल्ली में कांड हो गया। मैंने कहा कि मैंने ये अपनी आंखों से देखा है। इसके बाद मैं खुद पुलिस के पास गया और सब बताया।’
हालांकि, विकास के पिता रोहतास कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। वे आरोप लगाते हैं कि पुलिस ने उन्हें धमकाया है कि वे मीडिया से बात न करें। केस के बारे में भी किसी से कुछ न बताएं। विकास से ये पूछने पर वो कहता है- ‘पापा मेरी सेफ्टी को लेकर परेशान हैं। पुलिस ने मुझे कहा है कि कोर्ट में भी गवाही देनी होगी।’
पीड़िता की मां बोलीं- हमारे पास तो अंतिम संस्कार के पैसे भी नहीं
‘वो 31 दिसंबर की शाम को 6 बजे घर से निकली थी। घर में कमाने वाली सिर्फ वही थी, मैंने उसे कहा था कि सब्जी ले आना। फिर रात को करीब 8 बजे मेरी फिर बात हुई थी, मैंने पूछा था कब तक आओगी? तो बोली कि अभी काम है, लौटने में तो सुबह के 4 बज ही जाएंगे। फिर उसके एक्सीडेंट की खबर मिली। हमारे पास तो इतने पैसे भी नहीं है कि ठीक से उसका अंतिम संस्कार कर पाएं।’
ये उस मां की बात है, जिसकी बेटी को नए साल की पहली सुबह ही दिल्ली की सड़कों पर 12 किलोमीटर तक रौंदा गया। पुलिस ने लंबे प्रदर्शन के बाद लड़की की मां को बुलाया और बात की। इसके बाद पुलिस की गाड़ी उन्हें घर तक छोड़ने पहुंची।
पुलिस ने मुझे घंटों घुमाया, बेटी का चेहरा तक नहीं दिखाया’
पूजा की मां बताती हैं- ‘मुझे 1 तारीख की सुबह करीब 8 बजे पुलिस वालों ने फोन करके पूछा कि आपकी स्कूटी कहां है, फिर बताया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है, आप आ जाइए। इसके बाद कंझावला लेकर गए और घुमाते रहे। फिर सुल्तानपुरी थाने में लाकर बैठा दिया।
कई घंटों तक मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई कि मेरी बेटी को क्या हुआ है। मैंने SHO को कहा कि मेरी बेटी का चेहरा दिखा दो, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। जब मुझे शक हुआ कि पुलिसवाले कुछ छुपा रहे हैं तो मैंने अपने भाई को बुलाया।
‘वेलकम गर्ल का काम करती थी बेटी’
पीड़िता की मां बताती हैं कि बेटी इवेंट्स की फील्ड में काम करती थी। कहती हैं- ‘शादी-ब्याह में स्वागत करने में, जो लड़कियां साड़ी पहनकर खड़ी रहती थीं, वो वही काम करती थी। एक बार में 500-1000 रुपए मिल जाते थे। 2 साल से वो यही काम कर रही थी। उसके पिता की 8 साल पहले हत्या हो गई थी। बड़ी और छोटी बहन की शादी हो गई थी, लेकिन वह कहती थी कि मैं शादी नहीं करूंगी।
मैं पहले पास के एक स्कूल में प्यून का काम करती थी, लेकिन कोरोना के टाइम से मेरी किडनी खराब हुई और अब दोनों किडनी में दिक्कत है। मैं खुद काम नहीं कर सकती। मेरे 6 बच्चे थे, 2 लड़कियों की बड़ी मुश्किल से शादी की।
कहती थी- मां मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं, लोग उसे पसंद करते थे
पूजा की मां आगे बताती हैं- ‘उसने 9वीं के बाद से पढ़ाई छोड़ दी थी और वो मेकअप का काम सीखने लगी थी। उसे इंस्टाग्राम पर रील बनाने का बहुत शौक था, कई बार वो शादी में मेकअप करने का काम भी करती थी।
कहती थी कि मां अगला निगम पार्षद का चुनाव मैं भी लडूंगी। हमारे घर के सामने की नाली नहीं बन रही थी, उसने फोन करके शिकायत की और लड़कर नाली बनवा दी। आस-पड़ोस वाले लोग उसे बहुत मानते थे। वो कहती थी कि मैं नाली के लिए फिर से जाऊंगी और एप्लिकेशन लगाऊंगी। उसे सही करवाकर ही मानूंगी।’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने भरोसा दिया है कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा और अगर रिपोर्ट में आता है कि लड़की का रेप हुआ है तो केस में मर्डर और रेप की धाराएं जोड़ेंगे।
2 जनवरी को सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के सामने दिन भर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रही। लड़की के परिवार और लोगों का आरोप है कि पुलिस ने केस में जान-बूझकर सुस्ती बरती है।
वहीं, दिल्ली पुलिस का कहना है कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में तीन डॉक्टरों के पैनल ने लड़की का पोस्टमार्टम किया है। इसकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है।
एक्सीडेंट के बाद भागे थे आरोपी, रास्ते में देखा भी कि नीचे लड़की फंसी है
FIR के मुताबिक, आरोपियों को पता था कि उन्होंने एक स्कूटी को टक्कर मारी है। इसके बाद उन्होंने भागने की कोशिश की। आरोपी अमित और दीपक ने पुलिस को बताया है कि हम नशे में थे। उन्होंने कृष्ण विहार एरिया में एक्सीडेंट कर दिया था। इससे वे डर गए और कंझावला की तरफ चले गए।
दीपक ही कार चला रहा था और मनोज मित्तल उसके साइड वाली सीट पर था। पीछे की सीट पर मिथुन, कृष्ण और अमित बैठे थे। उन्होंने कंझावला रोड पर कार रोकी। वहां कार के नीचे स्कूटी वाली लड़की दिखाई दी। इसके बाद सभी लड़की को छोड़कर अपने दोस्त आशुतोष (कार मालिक) के यहां गए और कार खड़ी करके अपने-अपने घर चले गए।
आरोपियों में से एक BJP का लोकल लीडर
दिल्ली BJP के एक सीनियर लीडर ने बताया है कि मनोज मित्तल सुल्तानपुरी से पार्टी का पदाधिकारी है। उसे चार दिन पहले ही डेटा एंट्री सेल का सह-संयोजक बनाया गया था।
मनोज मित्तल का एक पोस्टर सुल्तानपुरी थाने के बाहर भी लगा था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों ने सोमवार सुबह पोस्टर फाड़ दिए। रोहिणी कोर्ट ने पांचों आरोपियों से पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की है।
पूजा की मौत के बाद पुलिस ने मामले में रैश ड्राइविंग और लापरवाही से गाड़ी चलाने जैसी हल्की धाराएं जोड़ी थीं। इसमें 6 महीने से दो साल की जेल हो सकती है। दबाव बढ़ा तो सोमवार को गैर इरादतन हत्या की भी धारा जोड़ी गई। इसमें उम्रकैद की सजा मिल सकती है। पुलिस घटना को एक्सीडेंट बता रही है, लेकिन परिवार वाले इसे मर्डर कह रहे हैं। लड़की की मां का कहना है कि उसने बहुत कपड़े पहने थी, लेकिन जब बॉडी मिली तो शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। यह रेप के बाद मर्डर का मामला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी
31 दिसंबर की रात कार सवार 5 युवकों ने 20 साल की युवती को टक्कर मार दी थी। लड़की कार के नीचे फंस गई और करीब 12 किलोमीटर तक सड़क पर घिसटती रही। पुलिस के मुताबिक, उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दिल्ली के कंझावला में हुई इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। आरोपियों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, जिससे पता चल सके कि उन्होंने नशा किया था या नहीं।