चीन की एक परमाणु पनडुब्बी में हुए हादसे में उसके 55 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना 21 अगस्त की है। चीनी पनडुब्बी पीले सागर में एक बैरियर से टकरा गई, जिसकी वजह से उसका ऑक्सीजन सिस्टम फेल हो गया। इसके बाद दम घुटने से सैनिकों के मारे जाने की खबर आई।
UK की एक सीक्रेट रिपोर्ट के मुताबिक ऑक्सीजन सिस्टम फेल होने के बाद इसे ठीक करने में 6 घंटे लग गए। इस दौरान पनडुब्बी में ऑक्सीजन कम हो गई और दम घुटने से सभी लोगों की मौत हो गई। हालांकि अब तक पनडुब्बी से रेडियोएक्टिव रिसाव की खबर नहीं है।
खबर यह भी है कि चीन ने चेन और एंकर से बना यह बैरियर ब्रिटिश और अमेरिकी पनडुब्बियों को फंसाने के लिए लगाया था, लेकिन उसकी ही सबमरीन इसमें फंस गई। हादसे में चीनी नेवी के कैप्टन कर्नल जू योंग-पेंग और 21 अधिकारियों की मौत होने की खबर है। हालांकि चीनी अधिकारियों ने किसी भी हादसे से इनकार किया है।
21 अगस्त को यलो सी में ऑपरेशन के दौरान हुआ हादसा
डेली मेल के मुताबिक, ये हादसा 21 अगस्त को रात करीब 8:12 बजे हुआ था। तब न्यूक्लियर सबमरीन किसी मिशन के लिए यलो सी में मौजूद थी। जिन लोगों की मौत हुई हैं उनमें चीन की PLA नेवी के ऑफिसर कैडेट, छोटे पद पर मौजूद अधिकारी और कई दूसरे सैनिक थे।
न्यूक्लियर पनडुब्बी 351 फीट लंबी, टॉरपीडो से लैस
चीन की टाइप 093 पनडुब्बियां पिछले 15 सालों से नौसेना का हिस्सा हैं। यह 351 फीट लंबी और टॉरपीडो से लैस हैं। टाइप 093 चीन की एडवांस्ड पनडुब्बियों में से एक है और इसमें शोर न के बराबर होता है। इससे पहले CNN ने अगस्त में रिपोर्ट दी थी कि चीन की नौसेना ने दुनिया का सबसे बड़ा डेवलपमेंट किया है। इसमें 340 से ज्यादा युद्धपोत हैं।