विजय कुमार।
नई दिल्ली,20 मई। भारतीय कुष्ती महासंघ ने आज एक बैठक में अपने ही पुराने निर्णय को बदलते हुए उन पहलवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक खेलों में जाने की आस लगा रखी थी।
ओलंपिक खेलों की तैयारी को लेकर आज आश्रम स्थित बैठक सेंटर में भारतीय कुष्ती महासंघ के चयनकर्ताओं की बैठक हुई। जिसमे लिए फैसले से रवि दहिया के अलावा महिलाओं में विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता सरिता मोर (57 किग्रा) के लिए पेरिस ओलंपिक के दरवाजे बंद कर दिए हैं। रवि 57 किग्रा और सरिता के अलावा किरण 76 किग्रा, शिवानी पवार 50 किग्रा, अंकुश 50 किग्रा, पूजा 53 किग्रा, अंजू, राधिका, मानसी समेत अनेकों पहलवान ट्रायल की तैयारी कर रहे थे। यह निर्णय लेने वालों में भारतीय कुश्ती संघ की चयन समिति के सभी सदस्य भी हाँ में हाँ मिलाने वाले रहे हैं।
हालांकि इससे पूर्व में सुनील पहलवान और नरसिंह यादव को लेकर भी ऐसा ही विवाद उठा था कि ओलंपिक क्वालीफाइ करने वाला पहलवान ओलंपिक में जायेगा या फिर चयन टृायल के दौरान पहला स्थान पाने वाला पहलवान। इस पर कुष्ती फेडरेषन ने निर्णय किया था कि क्वालीफाइं करने वाले पहलवान का हक पहला बनता है,मगर उसकी फिटनेस को चैक करने के लिए उसको चयन टृायल से गुजरना होगा। अगर वह किसी पहलवान से हार जाता है तो उस टृायल में पहला स्थान पाने वाला पहलवान ओलंपिक के लिए भेजा जाएगा। यह निर्णय पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण के द्वारा लिया गया था।
यहीं नहीं वर्तमान में महासंघ के पदाधिकारियों ने इसी बात को लेकर पहलवानों के टृायल लेने की बात भी कही थी। यहीं नहीं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने भी निश्चित रूप से ट्रायल आयोजित होते और बिना किसी भेदभाव के हर भार वर्ग में सभी को मौका दिए जाने की बात कुछ दिन पूर्व ही कही थी। राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ की एजीएम बैठक में यह निर्णय भी लिया गया था कि ओलंपिक कोटा पाने वाले पहलवानों के लिए ट्रायल भी आयोजित किया जाएगा और उसी के आधार पर पहलवानों का चयन किया जाएगा।
लेकिन आज भारतीय कुश्ती संघ अपने ही फैसले से पलट गया। भारतीय कुश्ती संघ ने ट्रायल न कराने के पीछे जो तथ्य दिए हैं, वह समझ से परे हैं।
यहीं नहीं सोनीपत और पटियाला में आयोजित ओलंपिक क्वालीफाइंग ट्रायल के दौरान तदर्थ समिति द्वारा प्रत्येक भार वर्ग में चार पहलवानों का चयन किया गया था। ताकि ये पहलवान एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करें और जीतने वाला पहलवान ओलंपिक कोटा पाने वाले पहलवान से मुकाबला करे। ओलंपिक ट्रायल्स के नियमों को भारतीय कुश्ती संघ ने एजीएम बैठक में पारित किया था और इन्हें लागू करने के लिए तदर्थ समिति द्वारा चार चार पहलवानों का चयन भी कर लिया गया था। फिर बीच में अधर में इस कार्य को क्यों छोड़ दिया गया। अचानक ऐसा क्या हुआ कि भारतीय कुश्ती संघ ने यह बेहतरीन फैसला पलट दिया। इस निर्णय को लेकर पहलवानी जगत मंे निराषा का भाव बना हुआ है। वहीं कुछ पूर्व पहलवानों का कहना है कि वर्तमान मे कुष्ती महासंघ के पदाधिकारियों की बात उनकी समझ से परे है। उन्हें अपने निर्णय पर अटल रहना चाहिए था क्योंकि खेल से बडा कोई नहीं होता, अगर ऐसो होता गया तो हर बार यह विवाद उठाता रहेंगा। फिलहाल वे इससे आगे कहने को तैयार नहीं है,लेकिन सभी पहलवानों ने महासंघ के इस निर्णय को गलत बताया है।