हिमाचल में भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण 51 लोगों की मौत हो गई। शिमला शहर में समरहिल के पास शिव मंदिर पर भूस्खलन से 25 से 30 लोगों के दबे होने की आशंका है। यहां से आठ शव निकाले गए हैं। वहीं मंडी जिला में अब तक 20 की मौत हो चुकी है और पांच लापता हैं। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा को लेकर शिमला में आपात बैठक भी की।
सोमवार को बाढ़ और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 लोग लापता हैं। तीन दिन से जारी वर्षा से करोड़ों रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ है। सोमवार सुबह राजधानी शिमला में समरहिल स्थित उच्च अध्ययन संस्थान के पास बादल फटने के बाद आए मलबे से एंथली में शिववाड़ी मंदिर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। देर शाम तक आठ शव मलबे से निकाल लिए हैं, छह लोग घायल हुए हैं, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 25 से 30 लोग अब भी मलबे में दबे हैं।
वर्षा के कारण बचाव कार्य में काफी परेशानी हुई। दिन में मंदिर के भीतर से आवाजें आने की बात कही गई, संभावना है कि कुछ लोग सुरक्षित होंगे। शिमला शहर के फागली में भूस्खलन की चपेट में आने से कई अस्थायी घर जमींदोज हो गए। राहत एवं बचाव दल को पांच लोगों के शव मिले हैं। पांच लोगों को रेस्क्यू किया है। 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
मंडी में 20 लोगों की मौत
वहीं, मंडी जिले में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से आए मलबे में दबने से 20 लोगों की मौत हुई है। द्रंग विधानसभा क्षेत्र की सेगली पंचायत के चलाहर गांव के एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हुई है व पांच लोग लापता हैं। धर्मपुर के टीहरा क्षेत्र के पूर्व प्रधान प्रभाष राणा पुत्र लश्करी राम सोमवार सुबह पड़ोस में मकान में गिरे मलबे में दबे लोगों को निकालने के दौरान मलबे की चपेट में आ गए। अस्पताल ले जाती बार उनकी मौत हो गई।
कांगड़ा में बारिश से आफत
मूसलधार वर्षा से कांगड़ा जिले में तीन लोगों की मौत हुई है। सोमवार सुबह अखबार लेकर जा रही जीप के पर बाथू पुल के पास पहाड़ी का मलबा गिर गया। इस दौरान जीप के पलटने से चालक प्रवीन कुमार पुत्र दिलबाग सिंह निवासी पंजाल गनारी जिला ऊना की मृत्यु हो गई। जीप समाचार पत्र लेकर ऊना जा रही थी। उपमंडल फतेहपुर के तहत ठेहड़ में रविवार सायं भैंसें चराने गए 11 वर्षीय बालक आदर्श की खड्ड में डूबने से मौत हो गई और शव सोमवार सुबह मिला है।
मौके पर पहुंचे CM सुखविंदर सुक्खू
राजधानी शिमला के समरहिल के एंथली में शिव मंदिर में हादसे की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मौके पर पहुंचे। राहत कार्य का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री को आगे जाने से प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने रोका लेकिन मुख्यमंत्री उस स्थल तक पहुंचे, जहां पर एसडीआरएफ के जवान राहत कार्य चला रहे थे।
उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद मलबे में दबे लोगों के स्वजन को ढांढस बंधाया। सुक्खू ने राहत कार्यों में जुटे जवानों से बातचीत की और कितने समय में क्या हो सकता है, किन मशीनों और कितने लोगों की जरूरत है, इसकी जानकारी ली। भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन की ओर से हरसंभव सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान, डिप्टी मेयर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, एसपी संजीव गांधी सहित अन्य सभी अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। वहीं, सुक्खू ने सोलन के जड़ौण गांव पहुंच प्रभावितों को ढांढस बंधाया।