हिमाचल प्रदेश में बीती रात हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं 400 से अधिक सड़कें अवरूद्ध हो गईं हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के 12 में से छह जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए बुधवार को रेड अलर्ट जारी किया.
मानसून के इस मौसम में अब तक तीन बार हुई भीषण बारिश के कारण राज्य में अवरुद्ध होने वाले मार्गों की संख्या 709 हो गई है. जबकि अनेक लोग जान गंवा चुके हैं और भारी तबाही हुई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंडी जिले के सेराज क्षेत्र के दो गांवों में बादल फटने से हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई है. मंडी जिले के सेराज के दगोल गांव में भूस्खलन में दो व्यक्तियों, परमानंद (62) और उनके पोते गोपी (14) की मौत हो गई, जबकि सराची गांव में हुए भूस्खलन में तीन अन्य की मौत हो गई.
इस हादसे की वजह से मलबे में कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका है. इलाके में कुछ मकान और एक स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गया. शिमला शहर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भूस्खलन और पेड़ उखड़ने के कारण कार्ट रोड और शिमला-मेहली बाईपास कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया. कई मकानों में दरारें भी आ गई हैं और एहतियात के तौर पर लोगों को वहां से हटा दिया गया है. शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि झालो नामक व्यक्ति और उनकी पत्नी राजकुमारी का शिमला जिले के बलदेयां इलाके में अस्थायी मकान में शव मिला है.
पुलिस अधिकारी ने निवासियों से अनावश्यक यात्रा से बचने की भी अपील की. इस महीने राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 238 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 लोग अभी भी लापता हैं. मौसम विभाग ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. विभाग ने 24 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताते ऑरेंज अलर्ट जारी किया.