पंजाब में मुआवजा, एमएसपी और कर्ज माफी को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान पंजाब भर में रेलवे लाइनों पर बैठे हुए हैं। रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद दिल्ली से अमृतसर, पठानकोट से अमृतसर और पंजाब से चंडीगढ़, जालंधर, लुधियाना से मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का आदि सभी रूट्स पूरी तरह से ठप हैं। इससे 90 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।
वहीं शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम 8 घंटे तक जाम करके रखा। किसान मोहाली के लालड़ू में चंडीगढ़ से अंबाला जाने वाले हाईवे पर बैठ थे। पुलिस के रूट डायवर्ट करने के बाद भी लोग परेशान हुए। कई घंटों तक वे जाम में ही फंसे रहे।
प्रधान सुखविंदर सिंह सभरा व जनरल सेक्रेटरी राणा रणबीर सिंह ने बताया कि अब मोर्चों की गिनती 17 से 20 हो गई है। शुक्रवार को समराला व फरीदकोट में भी रेल रोको आंदोलन शुरू हुआ। वहीं संगठनों ने ऐलान किया है कि शनिवार को अंबाला में भी रेल रोको आंदोलन शुरू होगा।
इसके साथ उन्होंने कहा कि 23-24 अक्टूबर को किसानी दशहरा मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे देश में मोदी सरकार व कॉर्पोरेट घरानों के पुतले जलाए जाएंगे।
ये है किसानों की मांगें
- घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बनने वाली अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध को पक्का किया जाएगा।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से और बाढ़ के कारण जमीन में अधिक मिट्टी बहने के कारण फसलों के खराब का मुआवजा 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए।
- किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन 5 एकड़ तक की शर्त को हटाकर कुल खराब हुई जमीन का मुआवजा दिया जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाया जाए।
- ब्लॉक डेराबस्सी के घग्गर और झरमल नदी और बरसाती नालों में आ रहे फैक्ट्री का गंदा पानी तुरंत बंद किया जाए या फिर साफ करके छोड़ जाए।
- बाढ़ के कारण गांव टिवाना में घग्गर नदी पर बने हुए काजवा टूटने के कारण रास्ता बंद हो गया घग्गर नदी का पक्का पुल बनाया जाए।
- बाढ़ के कारण गिरे मकान मालिकों को मुआवजा दिया जाए।
- बरसात के बाढ़ के कारण टूटी हुई इलाके की सड़कों को तुरंत ठीक किया जाए।