पड़ोस बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद अवामी लीग की नेता शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। अंतरिम सरकार का गठन किया जा चुका है। लेकिन भारत में बांग्लादेश के हालातों पर सियासत शुरू हो गई। इस हफ्ते खबरों के खिलाड़ी में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई।
पिछले हफ्ते बांग्लादेश के हालात की पूरी दुनिया में चर्चा रही। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। बांग्लादेश के हालात पर भारत में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने तो आने वाले वक्त में भारत में इस तहर के हालात उत्पन्न होने तक का दावा कर दिया। उनके बयान पर सियासत जारी है। इस हफ्ते खबरों के खिलाड़ी में इसी विषय पर चर्चा हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह, विनोद अग्निहोत्री, समीर चौगांवकर, अवधेश कुमार और बिलाल सब्जवारी मौजूद रहे।
मैं हमेशा सकारात्मक पक्ष देखता हूं। जब ये घटना हो रही थी तब सबसे पहले ममता बनर्जी ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम केंद्र सरकार के साथ हैं। इसी तरह फारुख अब्दुला के बयान में भी इसी तरह की सकारात्मकता दिखी। जब उन्होंने कहा कि पूरे देश को एकजुट होना चाहिए। जहां तक सलमान खुर्शीद के बयान की बात है तो मुझे नहीं पता कि उनके मुंह से इस तरह की बात कैसे निकली। जहां तक राजनीति की बात है तो 4 जून के बाद दोनों तरफ से एक संघर्ष दिखाई दे रहा है। हर मुद्दे पर दोनों पक्ष अवसर ढूंढ रहे हैं। इसलिए मैं ममता बनर्जी के बयान को ज्यादा तवज्जो दूंगा। हर पार्टी में कुछ अतिउत्साही लाल होते हैं वो इस तरह के बयान देते हैं।