लोकतंत्र के जश्न में अलगाववादी से लेकर आतंकी परिवारों ने आहुतियां डाली। पहले चरण में 59.43 फीसदी मतदान हुआ। अभी फाइनल आंकड़ा आना बाकी है। किश्तवाड़, बिजबिहाड़ा व डीएच पोरा सीट पर हल्के विवाद को छोड़कर अन्य कहीं से किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं।
दस साल बाद अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदले माहौल में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 59.43 फीसदी मत पड़े। अभी अंतिम आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है।सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लाइन लग गई थी। किश्तवाड़, बिजबिहाड़ा व डीएच पोरा सीट पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हल्के विवाद को छोड़कर अन्य कहीं से किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं है। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव की ही तरह अलगाववादी व आतंकी परिवारों तथा जमात से जुड़े सदस्यों ने लोकतंत्र के प्रति आस्था जताई।
पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा व शोपियां तथा चिनाब वैली के डोडा, किश्तवाड़ व रामबन जिले की 24 सीटों पर 219 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। किश्तवाड़ जिले में सबसे अधिक 77 और पुलवामा जिले में सबसे कम 46 फीसदी वोट पड़े।
कुलगाम में जमात ए इस्लामी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सयार अहमद रेशी, त्राल में मारे गए हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी समेत कई अलगाववादियों ने वोट डाले। चुनाव के मद्देनजर दक्षिण कश्मीर के अलावा चिनाब वैली के डोडा, किश्तवाड़ में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध रहे। सभी बूथों पर पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी।
किश्तवाड़ में भाजपा प्रत्याशी शगुन परिहार ने आरोप लगाया कि एक केंद्र पर फर्जी मतदान कराया जा रहा था। उनके टोकने पर पीडीपी-नेकां कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्कामुक्की की। वहीं, पीडीपी प्रत्याशी फिरदौस टाक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ मतदान केंद्र में अभद्र व्यवहार किया है जब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को महिलाओं के पहचान पत्र चेक करने से मना किया था।
इन प्रमुख लोगों की किस्मत ईवीएम में बंद
माकपा के दिग्गज एमवाई तारिगामी, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती व वहीद-उर-रहमान परा, सरताज मदनी, पूर्व सांसद हसनैन मसूदी व नजीर अहमद लावे, शौकत अहमद गनई, कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री जीए मीर व भाजपा के सोफी युसूफ और जम्मू संभाग में पूर्व मंत्री सुनील शर्मा व शक्तिराज परिहार, पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार, आतंकी हमले में मारे गए परिहार बंधुओं के परिवार की शगुन परिहार, नेकां के सज्जाद अहमद किचलू, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी, पूर्व विधायक जीएम सरुरी, पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक, डीडीसी चेयरमैन पूजा ठाकुर, पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी व नजीब सुहरावर्दी
कश्मीरी पंडितों में भी दिखा रुझान
कश्मीरी पंडितों ने भी पहले चरण में दक्षिण कश्मीर की 16 सीटों के लिए मतदान किया। जम्मू, उधमपुर व दिल्ली में बनाए गए केंद्र पर पहुंचकर पंडित मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया। इन्हें बूथों तक पहुंचाने के लिए वाहनों के विशेष प्रबंध किए गए थे। एम फार्म की बाध्यता समाप्त किए जाने के बाद इनका मतदान के प्रति रुझान लोकसभा चुनाव से ही बढ़ा है।
जिलावार मतदान
जिला 2024
पुलवामा 46.65
शोपियां 53.64
अनंतनाग 54.17
कुलगाम 62.46
किश्तवाड़ 79.39
डोडा 69.33
रामबन 69.56
गत चार लोकसभा और तीन विधानसभा चुनावों में पहली बार इतना अधिक मतदान हुआ है। पूरे चुनाव में कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं है। साथ ही कहीं भी पुनर्मतदान करने की जरूरत नहीं है।