कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए जमा हुए बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों को इलेक्शन कमीशन ने रोक दिया। VHP के सदस्यों ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ने राज्य में लागू धारा 144 का हवाला देकर उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका।
वहीं, कर्नाटक CM बासवराज बोम्मई ने भी अपने समर्थकों के साथ हुबली के विजयनगर पहुंचकर हनुमान चालीसा पढ़ी। दरअसल, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को ऐलान किया था कि मंगलवार को देशभर के प्रमुख मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। संगठनों ने इसे हनुमत शक्ति जागरण अभियान नाम दिया था।
दिल्ली में इकट्ठा हुए बजरंग दल के कार्यकर्ता, हनुमान चालीसा का पाठ किया
दिल्ली में बजरंग दल के कार्यकर्ता एकत्र हुए। यहां वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के समय बजरंग दल के मेंबर्स ने अंतिम संस्कार किए। PPE किट पहनकर पीड़ितों के घरों को सैनिटाइज किया। हम मंदिरों की, लव जिहाद से, सुरक्षा देते हैं। हम गौ माता की भी रक्षा करते हैं। कोई यदि हमारी तरफ बुरी नजर डालेगा तो आप जानते हैं हम क्या-क्या कर सकते हैं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस नेताओं बताओ कोरोना के समय किसी भी मस्जिद से अन्न का एक दाना भी बंटा हो या ऑक्सीजन सिलिंडर दिया हो या किसी के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया हो तो बताओ।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपने घरों की परवाह छोड़कर मंदिरों को सैनिटाइज किया, भूखों को राशन दिया। सैनिटाइजर और PPE किट बांटे। बजरंग दल सालभर में लाखों यूनिट ब्लड इकट्ठा करते देता है। चौराहों, सार्वजनिक स्थानों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं को साफ कौन करता है? उनका ध्यान कौन रखता है? यह काम बजरंग दल करता है। सेवा सुरक्षा संस्कार ही बजरंग दल का मोटो है।
राजस्थान में भगवान दत्तात्रेय का एक मंदिर है जिस पर जिहादियों ने कब्जा कर लिया। हमने उसे वापस लेने का संकल्प लियाा है। राजस्थान के मेवात में 100 से अधिक गांवों में अब एक भी हिंदू नहीं हैं। हमने पिछले तीन साल वहां यात्राएं निकालना शुरू किया है। मंदिरों पर हिंदुओं पर हमलों का विरोध किया। बजरंग दल ने अब तक करीब 86 लाख बहुओं को बचाया है।
1984 में स्थापना के साथ ही बजरंग दल ने सुरक्षा का काम किया है। राम जानकी यात्रा की सुरक्षा से सरकारों ने हाथ खड़े कर दिए और आतंकियों ने चुनौती दी तब बजरंग दल ने ही यह जिम्मेदारी उठाई। कश्मीर घाटी में आतंकियों ने कहा था कि जो यहां आएगा वो वापस नहीं जा पाएगा। तब बजरंग दल के कार्यकर्ता ही वहां गए।
बाद में सभी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया।