इलाहाबाद हाईकोर्ट ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर कल यानी गुरुवार को फैसला सुनाएगा। तब तक ASI सर्वे पर रोक जारी रहेगी। मामले की सुनवाई कल दोपहर 3:30 बजे फिर से होगी। कोर्ट ने ASI के अफसर को कल पेश होने का आदेश भी दिया है। सुनवाई के दौरान ASI ने कोर्ट में हलफनामा दिया है। इसमें कहा है कि जांच से ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया। वकील SFA नकवी ने कहा- कानून प्री-मेच्योर स्टेज पर ASI सर्वे की इजाजत नहीं देता। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत गुप्ता ने कहा- कोर्ट साक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दे सकता।
अब पढ़िए सुनवाई के दौरान मुस्लिम और हिंदू ने क्या-क्या दलीलें दीं…
सवाल: कोर्ट ने पूछा जीपीएस, डेटिंग एक्सरसाइज क्या है?
जवाब: एएसजीआई बोले- जांच का तरीका है। डेटिंग से स्ट्रक्चर की आयु पता होगी। साइंटिफिक जांच होगी।
सवाल: कोर्ट ने एएसजीआई से पूछा- स्ट्रक्चर को नुकसान कैसे नहीं होगा?
जवाब: एएसजीआई ने कहा- तकनीकी का इस्तेमाल करेंगे। कुछ भी हटाएंगे नहीं।
सवाल: हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन से कोर्ट ने पूछा, क्या आप ASI की मदद से बता सकते हैं कि आप क्या करने जा रहे हैं?
जवाब: जैन ने कहा- जीपीआर और रडार से जांच करेंगे। कोई खुदाई नहीं होगी। कार्बन डेटिंग करेंगे।
सवाल: हिंदू पक्ष के वकील की दलील से चीफ जस्टिस असंतुष्ट दिखे -पूछा क्या ड्रिल नहीं करेंगे, क्या करेंगे बताइए?
जवाब: एएसजीआई ने कहा- जांच कर फोटो लेंगे, संपत्ति को क्षति नहीं होगी। फोटो डॉक्यूमेंट्स से जांच करेंगे।
हिंदू पक्ष की दलीलें…
- एएसजीआई ने कहा- 1993 तक विवादित ढांचा परिसर में गणेश, हनुमान, श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी। प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर पूजा रोकी। व्यास परिवार पूजा करता था। राम जन्मभूमि के कारण पूजा रोकी गई। अभी भी एक दिन पूजा होती है। मस्जिद हमेशा विवादित रही है।
- विष्णु शंकर जैन ने कहा- हमारे अधिकारों का लगातार हनन किया गया। मुकदमा दायर करने वाली महिलाएं अंदर मौजूद देवी (श्रृंगार गौरी) की भक्त थीं। अब उन्हें केवल चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मस्जिद के बाहर से प्रार्थना करने का मौका मिलता है।
- जैन ने कहा- औरंगजेब ने मंदिर का हिस्सा तोड़ा, पूजा होती रही। ईशान कोण में श्रृंगार गौरी की पूजा होती है। आदि विश्वेश्वर मंदिर है। विपक्षी क्या ये कह सकते हैं कि औरंगजेब ने मंदिर नहीं तोड़ा। कमीशन किसी भी स्टेज पर जारी हो सकता है।
- दीवार, खंभों पर मिले धार्मिक निशान का पता लगाया जाना जरूरी है कि क्या वे मंदिर का हिस्सा हैं। सरकार आदेशों का पालन करने के लिए फॉर्मल पार्टी है।
मुस्लिम पक्ष की दलीलें…
- ASI ने इस मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई?
- सर्वे से ज्ञानवापी के मूल स्वरूप को नुकसान हो सकता है।
- SC ने निचली अदालत को कहा था कि मुकदमा सुनने लायक है या नहीं? इस पर सर्वे कराने का फैसला दे दिया गया।
- ASI के पास मैकेनिज्म नहीं कि खुदाई से भवन ध्वस्त होने से रोक सके।
- बिना सबूत के वाद दायर कर दिया, कोर्ट पहले दूसरे पक्ष की आपत्ति पर वाद बिंदु तय करे।
- अगर वाद मंजूर होता है तो स्ट्रक्चर खुद ही तय हो जाएगा। सर्वे की जरूरत ही नहीं। वाद को साक्ष्य पर तय किया जाना चाहिए।
साइंटिफिक सर्वे के विरोध में मुस्लिम पक्ष ने दाखिल की याचिका, इसी पर चल रही सुनवाई
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट के ज्ञानवापी परिसर में हो रहे ASI सर्वे पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगाने के आदेश के बाद मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से रिट पिटीशन दाखिल की गई। इस याचिका पर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर सुनवाई कर रहे हैं।