भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी नकवी के हाथों से लेने से इनकार कर दिया था जिसके बाद पुरस्कार समारोह बिना विजेता ट्रॉफी सौंपे समाप्त कर दिया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने इसके बाद ट्रॉफी के बिना खिताब जीतने का जश्न मनाया था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एशिया क्रिकेट परिषद (एसीसी) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान एशिया कप की विजेता ट्रॉफी भारतीय टीम को नहीं सौंपने पर कड़ा विरोध जताया है। बीसीसीआई ने इस दौरान एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी को घेरा। भारत ने रविवार को फाइनल में पाकिस्तान को हराकर नौवीं बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था।
भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से किया था इनकार
भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी नकवी के हाथों से लेने से इनकार कर दिया था जिसके बाद पुरस्कार समारोह बिना विजेता ट्रॉफी सौंपे समाप्त कर दिया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने इसके बाद ट्रॉफी के बिना खिताब जीतने का जश्न मनाया था। बाद में बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बताया था कि नकवी ट्रॉफी को अपने साथ होटल के कमरे में ले गए हैं और बोर्ड इसकी शिकायत आईसीसी से करेगा।
हरकतों से बाज नहीं आ रहे नकवी
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एसीसी के सूत्रों के हवाले से बताया कि बीसीसीआई चाहता है कि ट्रॉफी को सौंपी जाए, लेकिन एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी फिलहाल इसके लिए सहमत नहीं है। नकवी पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं और भारत विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं। भारत ने नकवी के हाथों से ट्रॉफी नहीं लेने की घोषणा काफी पहले ही कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद नकवी ट्रॉफी वितरण समारोह के दौरान स्टेज से नहीं हटे। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने भी खिलाड़ियों के इस कदम का समर्थन किया था और कहा था कि भारतीय टीम का यह कदम पूरी तरह सही था और बोर्ड इस मामले को लेकर नवंबर में होने वाली आईसीसी की बैठक में बहुत मजबूत विरोध दर्ज कराएगा।
राजीव शुक्ला और शेल्लार ने किया प्रतिनिधित्व
एसीसी की एजीएम में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेल्लार ने बोर्ड का प्रतिनिधित्व किया। एशिया कप की ट्रॉफी अभी भी एसीसी दफ्तर में रखी है और यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसे विजेता टीम को कब दी जाएगी। एसीसी के सूत्र ने कहा, भारत ने एसीसी की बैठक के दौरान विजेता ट्रॉफी नहीं सौंपे जाने और पुरस्कार समारोह के बाद एसीसी अध्यक्ष नकवी द्वारा जो ड्रामा किया गया, उसे लेकर कड़ा विरोध जताया है। इस दौरान राजीव ने कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंपी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और इसका किसी एक व्यक्ति से लेना-देना नहीं है।
एजीएम में ट्रॉफी पर चर्चा नहीं चाहते थे नकवी
सूत्र ने कहा, ‘नकवी ने बीसीसीआई की बात से सहमत नहीं थे। नकवी ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर एजीएम में बात नहीं होनी चाहिए और किसी और समय इस पर चर्चा की जानी चाहिए। इस बैठक का एजेंडा उपाध्यक्ष का चयन करना था, लेकिन वह भी नहीं हो सका।’ समझा जाता है कि नकवी ने भारत के एशिया कप जीतने के बाद नकवी ने बीसीसीआई सदस्यों को बधाई नहीं दी, लेकिन शेल्लार ने सूर्यकुमार यादव की अगुआई वाली टीम की सराहना की जो पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही।
शेल्लार ने नकवी को बधाई देने के लिए किया बाध्य
सूत्र ने कहा, जब बैठक शुरू हुई तो नकवी ने अपने शुरुआती भाषण में नेपाल को बधाई दी जिसने वेस्टइंडीज को हराया। इसके बाद एसीसी का सदस्य बनने पर उन्होंने मंगोलिया को बधाई दी और भाषण खत्म कर दिया। इसके बाद शेल्लार ने इस मुद्दे को उठाया कि नकवी ने एशिया कप का खिताब जीतने पर भारत को बधाई क्यों नहीं दी? इससे नकवी पर भारत को बधाई देने का दबाव पड़ा और उन्होंने भारतीय टीम को बधाई दी।
आईसीसी से शिकायत करेगा बीसीसीआई
बीसीसीआई नवंबर में आईसीसी की बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाएगी। सूत्र ने कहा, शुक्ला और शेल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि एसीसी ट्रॉफी को अपने दफ्तर में रखे और बीसीसीआई वहां से इसे लेगी। उन्होंने कहा कि हम विजेता होने के नाते ट्रॉफी चाहते हैं। लेकिन नकवी फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं थे। यह स्पष्ट है कि बीसीसीआई आईसीसी से इसकी शिकायत करेगी। शेल्लार इसके बाद बैठक से चले गए।
एक सूत्र ने यह भी बताया कि नकवी ने कहा कि जब भारतीय टीम जीत चुकी तो वह पुरस्कार समारोह के लिए कार्टून की तरह खड़े थे और इससे उन्हें अजीब लगा। भारत और पाकिस्तान की टीमें एशिया कप में कुल तीन बार एक दूसरे के सामने आईं और भारत ने तीनों बार इस चिर प्रतिद्वंद्वी टीम को हराया जिसमें फाइनल भी शामिल है। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच शुरुआत से ही विवादों में रहा क्योंकि खिलाड़ियों ने टीम इंडिया ने नो हैंडशेक नीति अपनाई थी और पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाए थे।