कांग्रेस ने जीएसटी सुधारों पर पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर तीखा हमला बोला है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार ने नौ स्लैब वाला ‘गब्बर सिंह टैक्स’ थोपकर आठ साल में 55 लाख करोड़ रुपये वसूले और अब 2.5 लाख करोड़ रुपये के ‘बचत उत्सव’ की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे जनता पर ‘गहरे घाव पर बैंड-एड’ लगाने जैसा बताया और माफी की मांग की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने सोमवार से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सुधारों को लेकर कई सारी बातें कही। अब ऐसे में कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जीएसटी सुधारों का पूरा श्रेय खुद लेने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि ये सुधार अधूरे और नाकाफी हैं। पार्टी ने सरकार से जरूरी वस्तुओं पर लगे जीएसटी के लिए माफी मांगने की भी मांग की।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी के संबोधन पर तंज कसते हुए कहा कि ‘900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘सरल जीएसटी’ की जगह मोदी सरकार ने नौ स्लैब वाला ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लागू किया और पिछले आठ साल में ₹55 लाख करोड़ वसूले।
2.5 लाख करोड़ के बचत उत्सव पर निशाना
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि पीएम मोदी जीएसटी को लेकर अब ₹2.5 लाख करोड़ के ‘बचत उत्सव’ की बात कर रहे हैं, जो गहरे घाव पर बैंड-एड लगाने जैसा है। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार ने दाल, चावल, किताबें, दवाइयां, पेंसिल, ट्रैक्टर जैसे आवश्यक चीजों पर भी टैक्स लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी पर साधा निशाना
इस दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित कर जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का श्रेय खुद ले लिया, जबकि यह एक संवैधानिक संस्था का निर्णय था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2017 से ही जीएसटी 2.0 की मांग कर रही है और इसे 2024 के चुनावी वादे (न्याय पत्र) में भी शामिल किया था। रमेश ने बताया कि मौजू जीएसटी प्रणाली में कई समस्याएं हैं, जैसे कि टैक्स की जटिल दरें, आम जनता की चीजों पर ज्यादा टैक्स, कारोबारियों पर भारी अनुपालन बोझ और उल्टा शुल्क ढांचा शामिल है।
इसके साथ ही जयराम रमेश ने पूछा कि आठ साल की देरी से लाए गए ये सुधार क्या सच में निजी निवेश और जीडीपी वृद्धि को बढ़ाएंगे? उन्होंने ये भी जोड़ा कि चीन के साथ व्यापार घाटा ₹100 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है, और भारतीय व्यापारी डर और मनमानी के चलते विदेश जा रहे हैं।