भारत और अमेरिका के बीच जिस व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हो रही है, अगर वह लागू होता है तो उसका प्रारूप क्या हो सकता है? अमेरिका की ट्रेड डील के लिए क्या-क्या मांगें हैं? भारत इन मांगों के मद्देनजर कैसे अपने हितोंं को बचाने की कोशिश में है? दोनों देशों के लिए यह व्यापार समझौता इतना अहम क्यों है? अगर यह व्यापार समझौता होता है, तो इसमें क्या-क्या शामिल हो सकता है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अलग-अलग देशों पर लगाए गए आयात शुल्क पर अस्थायी रोक को 9 जुलाई के आगे नहीं बढ़ाएंगे। यानी इस तारीख से अमेरिका में आयात होने वाले उत्पाद और सेवाओं पर एक तय टैरिफ लगना शुरू हो जाएगा। ट्रंप के एलान के तहत अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 से भारतीय उत्पादों पर 26 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया था। हालांकि, ट्रंप ने इसके बाद 90 दिनों के लिए इस आयात शुल्क पर अस्थायी रोक लगा दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तब यह चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए देशों के पास 8 जुलाई तक का समय है। यानी आठ जुलाई से जिन भी देशों ने अमेरिका के साथ टैरिफ कम करने को लेकर समझौता नहीं किया, उन पर आयात शुल्क की बढ़ी हुई दरें लागू रहेंगी।
अब ट्रंप के ताजा एलान के बाद भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने व्यापार समझौते को जल्द पटरी पर लाने और इससे जुड़े मतभेदों को दूर करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के जरिए भारत ट्रंप के 26 फीसदी टैरिफ को किनारे करने की कोशिश में है। इसके चलते दोनों देश अलग-अलग क्षेत्रों में उत्पादों और सेवाओं के लिए अपने बाजार को खोलने पर चर्चा कर रहे हैं। इस बातचीत के जल्द ही खत्म होने और दोनों देशों के बीच एक ट्रेड डील के होने के आसार हैं।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर भारत और अमेरिका के बीच जिस व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हो रही है, अगर वह लागू होता है तो उसका प्रारूप क्या हो सकता है? अमेरिका की ट्रेड डील के लिए क्या-क्या मांगें हैं? भारत इन मांगों के मद्देनजर कैसे अपने हितोंं को बचाने की कोशिश में है? दोनों देशों के लिए यह व्यापार समझौता इतना अहम क्यों है? अगर यह व्यापार समझौता होता है, तो इसमें क्या-क्या शामिल हो सकता है?
पहले जानें- किस प्रारूप में लागू हो सकता है भारत-अमेरिका का व्यापार समझौता?
भारत में वाणिज्यिक मामलों में रिसर्च से जुड़ी संस्था- ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत अपने अंतिम चरण में है। इस चर्चा के बाद दोनों देश एक वृहद ट्रेड डील के पहले चरण का एलान कर सकते हैं। यानी दोनों देशों के बीच एक भरे-पूरे व्यापार समझौते के होने की संभावना फिलहाल कम है। यह अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है, जैसा कि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच इस साल मई में हुआ है।