पीएम मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा दौरे पर हैं। पीएम मोदी की कनाडा यात्रा को लेकर भारतीय समुदाय में खासा उत्साह है। लोग पीएम मोदी की कनाडा यात्रा से बहुत खुश हैं। उन्होंने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। आइये जानते हैं किसने क्या कहा…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा दौरे पर हैं। पीएम मोदी की कनाडा यात्रा को लेकर भारतीय समुदाय में खासा उत्साह है। लोग पीएम मोदी की यात्रा को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह कनाडा-भारत संबंधों में एक नया अध्याय है।
विवेकानंद योग विश्वविद्यालय के रघु बेंगलुरु का कहना है कि वह पीएम मोदी की कनाडा यात्रा से बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में हमारे रिश्तों में तनाव था, लेकिन अब सब कुछ पीछे छूट गया है। उन्होंने कहा कि हम भारत और कनाडा के बीच फिर से नई ऊर्जा वाली साझेदारी की उम्मीद कर रहे हैं। दोनों देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है। वहीं, व्यवसायी रमन खटरा ने कहा कि पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए एक बड़ा अवसर दिखाई दे रहा है।
ट्रूडो के पीएम रहते रिश्ते सामान्य होने का कभी नहीं सोचा था: मलिक
कनाडा-भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष रितेश मलिक का कहना है कि पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के बीच जो कुछ हुआ, उसको देखते हुए पीएम मोदी की यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री रहते हुए, हमने कभी नहीं सोचा था कि रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने दुनिया के सबसे सम्मानित और प्रिय नेता को आमंत्रित करके सही काम किया। उन्होंने कहा कि भारत-कनाडा द्विपक्षीय व्यापार बहुत कमजोर प्रदर्शन कर रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के मामले में कनाडा सबसे समृद्ध है, और भारत को अपनी बढ़ती आबादी के साथ इसकी आवश्यकता है। अगर सही तरीके से काम किया जाए, तो दोनों देशों के बीच व्यापार की अपार, असीमित संभावनाएं हैं।
भारत से बेहतर कोई बाजार नहीं
मलिक ने आगे कहा कि अमेरिका के साथ जो कुछ हो रहा है, उसके बाद कनाडा वैकल्पिक बाजारों की तलाश कर रहा है। भारत से बेहतर कोई बाजार नहीं है। कनाडा में कुछ अतिवादी तत्वों द्वारा विदेशी हस्तक्षेप को भारतीय-कनाडाई समुदाय के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है।
भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़: मेहरा
लेखक कुशाल मेहरा का कहना है कि हमें सतर्क आशावाद के साथ शुरुआत करनी चाहिए, क्योंकि यह 2015 के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा है। उन्होंने कहा कि यह भारत-कनाडा संबंधों में एक नया मोड़ है। लेकिन हमें इस बात का बहुत सावधानी से आकलन करना चाहिए कि क्या हो रहा है और क्या हो सकता है। प्रधानमंत्री कार्नी ने हमें उनसे खुश न होने का कोई कारण नहीं दिया है। अगर हम उनके चुनाव अभियान को देखें, तो पिछले दो महीनों में हमने कहीं भी खालिस्तानियों की कोई तस्वीर नहीं देखी। यह भारत के लिए एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री कार्नी आए, तो भारत और कनाडा के बीच दुश्मनी का स्तर काफी कम हो गया।
भारत के साथ संबंध खराब करना बड़ी मूर्खता
मेहरा ने आगे कहा कि पश्चिमी देश अभी भी भारत को एक नरम देश, एक छोटी अर्थव्यवस्था के रूप में देखते हैं। भारत के साथ संबंध खराब करना बहुत बड़ी मूर्खता होगी। जहां तक व्यापार और मूल्य साझाकरण का सवाल है, कनाडा और भारत स्वर्ग में बनी जोड़ी हैं। यहां भारतीय समुदाय खालिस्तानियों से तंग आ चुका है, लेकिन कनाडाई राजनीतिक वर्ग उन्हें प्यार करता है।