केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 1984 में एक सोची-समझी साजिश के अंतर्गत सिखों का नरसंहार किया गया था। उन्होंने कहा कि इसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल थे और इन हमलों में 3000 से अधिक सिखों की हत्या की गई थी। इस पर अपनी गलती मानने की बजाय कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
भाजपा ने राहुल गांधी के सिखों पर दिए गए बयान पर गहरी नाराजगी जताई है। पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के दौरान भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सिखों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं और सिख समुदाय देश में पूरे मान-सम्मान के साथ रह रहा है और देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। करतारपुर कॉरिडोर खोलने के साथ ही केंद्र सरकार ने सिखों के सम्मान को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। पार्टी के अनुसार, ऐसे ही राहुल गांधी को विदेश में कोई गलतबयानी करने से बाज आना चाहिए। पार्टी नेता सरदार आरपी सिंह ने कहा है कि वे राहुल गांधी के बयान के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 1984 में एक सोची-समझी साजिश के अंतर्गत सिखों का नरसंहार किया गया था। उन्होंने कहा कि इसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल थे और इन हमलों में 3000 से अधिक सिखों की हत्या की गई थी। इस पर अपनी गलती मानने की बजाय कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पुरी ने कहा कि नेता विपक्ष होने के कारण वे एक संवैधानिक पद पर हैं। इसके बाद भी राहुल गांधी विदेशों में भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।
भाजपा के सिख नेता सरदार आरपी सिंह ने कहा कि गुरुद्वारों में लंगर पर लगने वाले टैक्स को माफ करने सहित सिखों को सम्मान देने का हर कार्य केंद्र सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी गुरुद्वारे जाते हैं, पूरी श्रद्धा के साथ पगड़ी धारण करते हैं और सिर झुकाते हैं, जबकि इसी देश में ऐसे प्रधानमंत्री हुए हैं जिन्होंने सिखों के कत्लेआम को सही ठहराया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ऐसे बयान देने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। सरदार आरपी सिंह ने कहा कि वे राहुल गांधी के खिलाफ केस दायर करने पर गंभीरता से विचार करेंगे।