आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा, कोविड महामारी ने वित्तीय सेवाओं में डिजिटलीकरण को तेज कर दिया है। इससे सेवाप्रदाताओं और ग्राहकों द्वारा ऑनलाइन लेनदेन में तेजी से बदलाव आया है।
बैंकिंग ग्राहकों को दुरुपयोग और धोखाधड़ी से बचाने के लिए मजबूत नियामकीय ढांचे की जरूरत है। वित्तीय सेवाओं के डिजिटल होने और फिनटेक प्लेटफॉर्मों का प्रसार होने से खतरे की आशंका है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा, कोविड महामारी ने वित्तीय सेवाओं में डिजिटलीकरण को तेज कर दिया है। इससे सेवाप्रदाताओं और ग्राहकों द्वारा ऑनलाइन लेनदेन में तेजी से बदलाव आया है। पेरिस में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामीनाथन ने कहा, डिजिटलीकरण में तेजी से बहुत सारे फिनटेक प्लेटफॉर्म आ गए हैं। यह प्लेटफॉर्म परंपरागत प्रणालियों की तरह काम नहीं करते हैं। साथ ही इसमें कुछ नियामकीय दायरे से बाहर होते हैं। हालांकि, उनसे पहुंच जैसे बड़े लाभ मिलते हैं, लेकिन वे दुरुपयोग और धोखाधड़ी के जोखिम को भी बढ़ाते हैं। वे ग्राहकों को साइबर हमलों, डाटा उल्लंघन और अक्सर कुछ वित्तीय नुकसान के जोखिम में डाल सकते हैं। ग्राहकों को ऐसी कंपनियों की ओर से पारदर्शिता में कमी दिखाने के कारण विवादों को सुलझाने या मुआवजा प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।