गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के भीतर घुसकर रियाजुद्दीन (32) नामक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान लक्ष्मी गार्डन, लोनी, गाजियाबाद निवासी फैज (20) और चौहान बांगर, दिल्ली निवासी फरहान (21) के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि दरअसल यह रियाजुद्दीन की नहीं उसके सामने वाले बैड पर भर्ती वसीम की हत्या करने आए थे। गिरफ्तार किए गए दोनों बदमाश गैंगस्टर हाशिम बाबा से जुड़े हुए हैं। हाशिम बाबा के कहने पर उसके राइट हैंड समीर बाबा ने हत्याकांड का ताना-बाना बुना था।
समीर ने अपने सहयोगी फहीम उर्फ बादशाह खान को वसीम को निपटाने का टास्क दिया। इसके बाद उसके चार शूटर जीटीबी अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल पहुंचे लड़कों में अमान, फैजान मोइन व एक 18 वर्षीय लड़का शामिल है। 18 वर्ष वाले लड़के ने रियाजुद्दीन को वसीम समझकर उस पर गोलियां चलाईं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 18 वर्षीय लड़का नाबालिग हो सकता है, इसलिए उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। वारदात में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। शाहदरा और उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस सभी हमलावरों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि हत्याकांड के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इमरजेंसी के गेट पर लगे कैमरे की फुटेज में चार बदमाश अस्पताल के भीतर जाते हुए दिखे। पुलिस ने फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की। इंस्टाग्राम और सीडीआर की मदद से पुलिस लोनी निवासी फैज तक पहुंची।
वारदात में फैज की बाइक का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद पुलिस की टीम ने फरहान को दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि समीर बाबा के कहने पर फहीम ने वसीम की हत्या की साजिश रची थी। फहीम ने बाबरपुर स्थित अपने फ्लैट में फैज, उसके दो भाई फैजान, मोइन के अलावा फरहान, अमान व अन्य के साथ कई बार बैठक की।
अस्पताल में घुसकर कैसे निकलना है, सबका प्लान बना। रविवार शाम को फहीम ने फ्लैट पर योजना बनाकर चारों को अस्पताल भेजा। वहां अंदर घुसकर 18 साल के लड़के ने रियाजुद्दीन पर गोली चला दी। बाद में वह फरार हो गए। अब पुलिस फहीम उर्फ बादशाह खान, मोइन, फैजान, अमान, समीर बाबा व अन्यों की तलाश कर रही है। दोनों जिलों की करीब 10 टीमें इनकी तलाश में जुटी हुई हैं।
मंडोली जेल से शुरू हुई रंजिश, वसीम को निपटाने का वहीं से मिला टास्क…
शास्त्री पार्क थाने के घोषित बदमाश वसीम के खिलाफ करीब 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पिछले दिनों हत्या के प्रयास के एक मामले में वह मंडोली जेल में बंद था। वहां वसीम की गैंगस्टर हाशिम बाबा के गुर्गों से लड़ाई हो गई। वसीम ने तीन लड़कों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। इसके बाद हाशिम बाबा ने उसे निपटाने के लिए कहा था।
इस बीच तीन जून को वसीम जमानत पर रिहा हो गया। हाशिम बाबा ने अपने राइट हैंड समीर बाबा से वसीम की हत्या करने के लिए कहा। समीर ने वसीम की हत्या का जिम्मा लोनी निवासी जुनैद को सौंप दिया। 12 जून की रात को जुनैद ने वेलकम के शैतान चौक पर वसीम और उसके दोस्त आसिफ पर ताबड़तोड़ 30 राउंड गोलियां चलाईं।
हमले में वसीम को चार और आसिफ को तीन गोली लगी। इस दौरान 70 साल के दो बुजुर्ग भी गोलीबारी में जख्मी हो गए। तभी से वसीम का जीटीबी अस्पताला के वार्ड नंबर-24 में इलाज चल रहा था। चार गोली लगने के बाद भी वसीम की जान बच गई थी। वसीम की हर हाल में हत्या करना था, इसलिए समीर ने फहीम को टास्क दिया।
रविवार को फहीम ने ही अपने गैंग के लड़कों को भेजकर वसीम पर हमला करवाया था, लेकिन बदमाश गलती से रियाजुद्दीन की हत्या करके वहां से निकल गए। इस दौरान फहीम अपने फ्लैट पर रहा। हत्या करने के बाद फैज, मोइन, फैजान लोनी स्थित अपने घर भागकर आए थे। बाकी लड़के भी वहां से निकल गए थे।
यह था पूरा मामला…
जीटीबी अस्पताल की चौथी मंजिल पर वार्ड नंबर-24 में भर्ती मरीज रियाजुद्दीन की कुछ बदमाशों ने बहन के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी। रियाजुद्दीन पेट में संक्रमण के बाद पिछले करीब 23 दिनों से अस्पताल में भर्ती था। इसके ठीक सामने वाले बैड पर वसीम नामक बदमाश भर्ती था। उसके भी पेट में गोली लगी हुई थीं।
बदमाशों ने जब रियाजुद्दीन के पेट पर बंधी पटी देखी तो उन्होंने समझा यह ही वसीम है। इसके अलावा चेहरे की बनावट भी रियाजुद्दीन की वसीम की तरह थी। इन सब के बीच वह रियाजुद्दीन को गोली मारकर निकल गए। अस्पताल के भीतर गोलीबारी के बाद मौके पर अफरी-तफरी मच गई। अस्पताल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे