केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने साफ कह दिया है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया जाएगा. इसके लिए मन में कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए. मैं साफ कहता हूं कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. बता दें कि एक कार्यक्रम में अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने को लेकर बयान दिया है और कहा है कि यह जल्द ही लागू होगा. माना जा रहा है कि ये बीजेपी का बड़ा दांव होगा.
सीएए लागू होने में क्यों हुई देरी?
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 में ही बन गया था. लेकिन अभी तक देश में लागू नहीं हो पाया है. नागरिकता संशोधन बिल के संसद में पास होने के बाद से ही इसको लेकर विरोध शुरू हो गया था. आपको शाहीन बाग का नाम याद होगा. दिल्ली में इसी जगह महीनों तक धरना चला था. हालांकि, फिर कोविड के चलते प्रदर्शनकारियों को हटना पड़ा था. सीएए के विरोध में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भी हुए थे.
नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
आसान भाषा में समझें तो नागरिकता संशोधन कानून वो कानून है जिसके लागू होने के बाद भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल जाएगी. इन अल्पसंख्यकों में हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं. नागरिकता संशोधन कानून में इन लोगों के लिए भारत की नागरिकता पाने के प्रोसेस को आसान बनाया गया है.
सीएए लागू होने से नहीं जाएगी नागरिकता
केंद्र सरकार पहले भी कई बार साफ कर चुकी है कि देश में सीएए लागू होने से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. सीएए तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने के लिए है. ये बात किसी से छिपी नहीं है कि इन तीनों देशों में पिछले कई दशकों से कैसे अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है. उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. उनकी बहू-बेटियों को अगवा करके जबरन शादी करा दी जाती है. इसी से सुरक्षा के लिए सरकार सीएए लाई थी.